छिन्दवाड़ा से शुभम सहारे की रिपोर्ट
छिंदवाड़ा। संस्कृत पुस्तकोन्नति सभा द्वारा संचालित सन्त आशारामजी आश्रम खजरी में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी पूज्य बापू का आत्म-साक्षात्कार महोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया । प्रातः से ही साधक भक्तों का तांता लगा रहा । कई धार्मिक आयोजन सम्पन्न हुए । साध्वी रेखा बहन का दिव्य सत्संग सम्पन्न हुआ ।
साध्वी बहन ने बताया कि आज से 59 वर्ष पहले पूज्य बापूजी को उनके गुरु साईं लीलाशाहजी बापू की कृपा से आत्मज्ञान हुआ था । आत्मज्ञानी महापुरुषों को स्वयं भगवान ब्रह्मा , विष्णु और महेश भी प्रणाम करतें हैं ; ऐसा शास्त्रों में आता हैं। इस पृथ्वी पर अनेक युगों में बहुत से आत्मज्ञानी महापुरुषों का अवतरण हुआ जिसमें स्वामी विवेकानंद , कबीर , वशिष्ठ , विश्वामित्र, नानक जी, भगवान बुद्ध, महावीर जैसे कई नाम हैं। पर कभी भी किसी युग मे किसी भी महापुरुषों का आत्म साक्षात्कार महोत्सव नहीं मनाया गया । पर पूज्य बापूजी ऐसे पहले सन्त हैं जिनका आत्मसाक्षात्कार महोत्सव उनके साधक लोग मनातें हैं , वो भी जरूरतमंदों की सेवा करके । यह हम सब के लिए गर्व की बात है । पूरे विश्व में सन्त की उपाधि मिलना बहुत दुर्लभ है। और हमारे बापू जी तो संत शिरोमणि हैं। कार्यक्रम में सैकड़ों गरीबों को वस्त्र और अनाज भेंट किया गया । शाम 6 बजे संकीर्तन यात्रा का आयोजन किया गया।
जो गुरूकुल से प्रारम्भ होकर मोहन नगर , स्टेट बैंक कॉलोनी , मानसरोवर काम्प्लेक्स , जेल तिराहा , फव्वारा चौक होते हुए गुरुकुल में समाप्त हुई । संकीर्तन यात्रा का नगर वासियों ने जगह - जगह स्वागत किया । कार्यक्रम से लगभग 20 हजार से अधिक लोगो के लाभांवित होने की खबर है । इस दैवीय कार्य में समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई ,खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई , गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर , लिंगा आश्रम की संचालिका साध्वी प्रतिमा बहन , युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोड़े , गेंदराव कराडे , धनाराम सनोडिया , M.R. पराडकर , P.R. शेरके , महिला समिति से सुमन डोईफोड़े , छाया सूर्यवंशी , विमल शेरके , शकुंतला कराडे , योगिता पराडकर , आदि ने अपनी अपनी सेवाएं दीं ।
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