मुंबई: आगामी सभी चुनावों के लिए भाजपा की तैयारियों को देखते हुए विपक्षी दलों ने भी इसकी रणनीति बनाना आरम्भ कर दी है। अब इसी को लेकर शिवसेना ने बीते गुरुवार को एक बयान दिया है. इस बयान में उन्होंने कहा कि, ''कांग्रेस नेता राहुल गांधी को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने और सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए एनसीपी प्रमुख पवार से हाथ मिलाना चाहिए।'' जी दरअसल शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में यह सब लिखा है. इसमें यह कहा गया है कि, "गांधी केंद्र और उसकी नीतियों पर नियमित रूप से हमला करते हैं, लेकिन ट्विटर पर।"
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने वाली शिवसेना ने दावा किया कि, ''पीएम नरेंद्र मोदी के तेवर बदल गए हैं।'' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, "वह जानते हैं कि देश की स्थिति उनके हाथ से निकल गई है। लोगों के गुस्से के बावजूद, भाजपा और सरकार को विश्वास है कि कमजोर और असंतुष्ट विपक्ष के कारण उन्हें कोई खतरा नहीं है।" आपको बता दें कि भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे की संभावना पर शरद पवार ने बीते मंगलवार को दिल्ली में अपने आवास पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल और वामपंथी दलों सहित आठ विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक की मेजबानी की थी।
वहीँ, उस चर्चा में भाग लेने वाले नेताओं ने यह कहा था कि, ''यह राष्ट्रीय मंच द्वारा समान विचारधारा वाले व्यक्तियों की "गैर-राजनीतिक" बैठक थी, जिसे पूर्व वित्त मंत्री और टीएमसी उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने अन्य लोगों के साथ बनाया था।'' फिलहाल शिवसेना के संपादकीय में यह कहा गया है कि, "राहुल गांधी को सभी विपक्षी दलों को गठबंधन करने के लिए पवार से हाथ मिलाना चाहिए।" इसके अलावा शिवसेना ने यह भी कहा, "शरद पवार सभी विपक्षी दलों को एक साथ ला सकते हैं। लेकिन फिर, नेतृत्व का सवाल है। अगर हम कांग्रेस से नेतृत्व करने की उम्मीद करते हैं, तो पार्टी खुद एक राष्ट्रीय अध्यक्ष के बिना है।"
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