नई दिल्ली: गैंगस्टर और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने अपने पिता को उत्तर प्रदेश की बांदा जेल से राज्य के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उनके पिता को किसी ऐसे राज्य की जेल में भेजा जाए, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन नहीं है। उन्होंने कहा है कि, भाजपा शासित राज्यों में उनके पिता की हत्या हो सकती है।
उमर अंसारी की याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि उसके पिता को केवल वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों के समक्ष पेश किया जाए, जिसमें कहा गया है कि उनके पिता राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के विरोधी एक राजनीतिक दल से हैं, दोनों "राजनीतिक और वैचारिक रूप से" और उनका परिवार "उत्पीड़न" का लक्ष्य रहा है।" उमर द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि राज्य लगातार उनके परिवार, विशेषकर उनके पिता के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से शत्रुतापूर्ण रुख अपना रहा है, लेकिन अब याचिकाकर्ता के पिता (मुख़्तार) को विश्वसनीय जानकारी मिली है कि उनका जीवन गंभीर खतरे में है और बांदा जेल में उनकी हत्या करने के लिए राज्य प्रतिष्ठान के भीतर कई लोग साजिश रच रहे हैं।
उमर ने अपनी याचिका में आगे कहा है कि वह अपने पिता के लिए बेहद भयभीत और चिंतित है और "उसे बांदा जेल में अपने पिता के जीवन और अंग के लिए एक गंभीर और आसन्न खतरे की आशंका है।" उमर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके पिता की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था, जबकि उनकी मां ने उनके पिता की सुरक्षा, सुरक्षा की मांग करते हुए दायर एक याचिका पर सुनवाई की थी, जब कुछ अज्ञात और संदिग्ध लोग उनके पिता की जेल बैरक में आए थे। 18 मई को हाईकोर्ट ने सुरक्षा बढ़ाने का आदेश पारित किया था।
उमर अंसारी की याचिका में कहा गया है कि, 'याचिकाकर्ता हाल की घटनाओं से बहुत परेशान है, जिसमें भाजपा नेता कृष्णानंद राय हत्या मामले में उनके पिता के साथ आरोपी व्यक्तियों और अन्य मामलों में सह-अभियुक्तों की हत्याएं शामिल हैं। परिस्थितियां विशेष रूप से अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में राज्य की भागीदारी का सुझाव देती हैं, जो पूर्ण पुलिस सुरक्षा में थे। उमर की याचिका में कहा गया है, इन घटनाओं के कारण, याचिकाकर्ता अपने पिता के जीवन के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंतित है।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि चिंता इसलिए पैदा होती है, क्योंकि उनके पिता कई आपराधिक मामलों में गवाह हैं, जहां सत्तारूढ़ भाजपा के प्रभावशाली सदस्यों पर आरोप लगे हैं। याचिका में सुझाव दिया गया है कि याचिकाकर्ता के पिता (मुख्तार अंसारी) के जीवन को खतरे में डालने और इन आपराधिक मामलों की प्रगति में बाधा डालने के गुप्त और प्रत्यक्ष दोनों प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख़्तार अंसारी और कांग्रेस में क्या संबंध:-
बता दें कि, उमर अंसारी और विधायक अब्बास अंसारी के पिता माफिया मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। और 10 साल तक देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं। हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय R&AW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के आरोप लगे थे। कांग्रेस से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को अपनी जेल में रोके रखने के लिए हर संभव कोशिश की थी। बाद में पता चला था कि, पंजाब सरकार मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी। पंजाब की AAP सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए।
1. पंजाब सरकार का विस्फोटक खुलासा...* ???? *जाली FIR करके पंजाब की कांग्रेस सरकार ने ढाई साल तक मुख़्तार अंसारी को बचाया,,,* *➖बीस लोगों की क्षमता वाली बैरक में मुख़्तार अकेला VIP की तरह अपनी पत्नी के साथ रहता था,,,* *➖जब यूपी पुलिस ने उसे ले जाने की कोशिश की तो उसके बचाव में… pic.twitter.com/ibfIAAW608
— Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) April 22, 2023
बता दें कि, मुख्तार पंजाब की जेल में 2 साल 3 महीने तक बंद रहे। बाद में अदालत के आदेश पर मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। बता दें कि मुख़्तार अंसारी पर हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती के कई मामले दर्ज हैं, जिसमे से अकेले 302 यानी हत्या के ही 18 मामले हैं, ये तो वो मामले हैं, जो पुलिस थानों के रिकॉर्ड में हैं, इसके अलावा न जाने कितने और अपराध होंगे, जो राजनीति की सफ़ेद पोशाख में छुपे हुए होंगे और सियासी संरक्षण के चलते दबा दिए गए होंगे। अब यदि उमर अंसारी की मांग को सुप्रीम कोर्ट मान लेता है, और मुख़्तार को किसी गैर-भाजपा राज्य में शिफ्ट किया जाता है, तो हो सकता है कि गैंगस्टर फिर जेल में ठाठ-बाट से रहने लगे और वहीं से अपने जुर्म का साम्राज्य चलाने लगे।
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