पंजाब: एमिकस क्यूरी बनाए गए सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने पंजाब - हरियाणा हाईकोर्ट को मुरथल गैंगरेप के मामले में बताया कि, जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 22 - 23 फरवरी 2016 की रात को मुरथल में 9 गैंग रेप हुए थे. साथ ही उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि प्रकाश सिंह जांच आयोग के सदस्य और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी विजय वर्धन में उनसे कहा था कि मुरथल में कम से कम 9 गैंगरेप हुए है.
बताया जा रहा है बीते दिन हुए मुरथल केस के मामले की सुनवाई के दौरान गुप्ता ने हाईकोर्ट से इस केस के लिए सीबीआई जाँच की मांग की है, गुप्ता ने कोर्ट से कहा कि दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी के सदस्य आईएएस विजय वर्धन को गैंगरेप की जानकारी हरियाणा के पूर्व डीजीपी केपी सिंह ने दी थी, लेकिन विजय वर्धन ने कोर्ट में इस जानकारी के होने से इनकार कर दिया था. इससे साबित होता है कि वह किसी न किसी दबाव में काम कर रहे थे. उसके बाद उन्होंने कोर्ट को बताया कि मुरथल गैंगरेप मामले को लेकर हरियाणा सरकार का रुख नकारात्मक है और सरकार यह साबित करने में लगी हुई है कि मुरथल में कोई दुष्कर्म हुआ ही नहीं.
हरियाणा पुलिस की माने तो मुरथल गैंगरेप मामले में अभी तक एक भी पीड़ित सामने नहीं आया है, जिसकी वजह से जाँच को आगे बढ़ाया नहीं जा रहा है. गुप्ता ने एक ढाबे के मालिक का उदाहरण देते हुए बताया कि उसे घटना की पूरी जानकारी थी, लेकिन उसने जांच कर रहे एसआईटी के सदस्यों को कुछ भी नहीं बताया. अनुपम गुप्ता ने कोर्ट से यह भी कहा कि एक ओर जहां राज्य सरकार मुरथल गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई से करवाने का विरोध कर रही है, वहीं दूसरी और जाट आंदोलन के दौरान आग के हवाले किए गए सरकार के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर और मुनक नहर में की गई तोड़फोड़ के मामलों की जांच CBI के हवाले कर चुकी है. आगे गुप्ता ने कहा कि मुरथल गैंगरेप मामले सहित जाट आंदोलन के दौरान कुल 1212 FIR दर्ज की गई थी, लेकिन इनमें से सिर्फ 921 मामलों की अंतरिम रिपोर्ट तैयार की गई है, 184 मामलों में रिपोर्ट तैयार ही नहीं है. पुलिस केवल 172 लोगों को गिरफ्तार कर पाई थी और अब तक सिर्फ 81 मामलों में चालान पेश किया गया है 1105 मामलों को अनअटेंडेड श्रेणी में रखा गया है.
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