रांची: झारखण्ड से एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है, यह सत्य घटना हमे कहानियों के नरपिशाचों की याद दिलाती है. झारखण्ड के अनगड़ा थाना कांड संख्या 18/12 में यह मामला दर्ज है. इसे बिगन देवी ने दर्ज कराया है. बिगन देवी के मुताबिक 11 फरवरी की एक रात जब घर के वह अपने पति घांसीराम और बच्चों के साथ सो रही थी.
तब रात में 11.30 बजे उसका जेठ शनिचरवा और उसकी पत्नी दोनों धारदार हथियार से घर का दरवाज़ा तोड़ कर अंदर घुस आए और घासीराम पर चाकू और पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर दी, इतनी ही नहीं हत्या करने के बाद शनिचरवा ने घासीराम का खून भी पिया, घर में मचे इस कोहराम से बच्चे भी जाग पड़े और अपने ताऊ इस हरकत को देखकर बुरी तरह से दर गए, तब बिगन देवी अपने बच्चों को लेकर वहां से भाग निकली.
बिगन देवी ने अगले दिन पुलिस में शनिचरवा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद कई दिनों तक फरार रहने के बाद पुलिस ने शनिचरवा को 11 मार्च को गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में है. इस मामले में 30 अप्रैल 2012 को अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया, जबकि 25 सितंबर को आरोप गठन किया गया, मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से डॉक्टर और अनुसंधानकर्ता समेत आठ लोगों की गवाही दर्ज की गई थी. इस पुरे मामले की सुनवाई करने के बाद अपर न्यायायुक्त एसके सिंह की अदालत ने अपने छोटे भाई की हत्या कर उसका खून पीने वाले शनिचरवा बेदिया को शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामला
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