नई दिल्लीः देश में छाई सुस्ती का नकारात्मक असर विभिन्न सेक्टरों पर पड़ रहा है। जिसके कारण इनकी विकास दर में गिरावट आ रही है। नए कारोबार में विकास दर धीमी रहने, इसके अलावा रोजगार सृजन एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी की दर मध्यम तरीके से बढ़ना भी इसकी प्रमुख वजह रही है। आईएचएस मार्किट का इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक अगस्त में घटकर 52.4 पर रह गया। जुलाई में यह आंकड़ा 53.8 पर था। इन आंकड़ों से यह पता चलता है कि उत्पादन में बढ़ोत्तरी की रेट में कमी हो गई है।
यदि इंडेक्स 50 से अधिक रहता है तो इससे विस्तार का पता चलता है वहीं इसके 50 से नीचे रहने का मतलब है कि संकुचन है। आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पी डी लिमा ने कहा, 'भारत के सेवा क्षेत्र का पीएमआई विनिर्माण क्षेत्र के रुझान के मुताबिक ही है। यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में नरमी की बुरी खबर लेकर आ रहा है।' आईएचएस मार्किट का इंडिया कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अगस्त में घटकर 52.6 रह गया, यह जुलाई में 53.9 पर था। इस इंडेक्स में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र दोनों को शामिल किया जाता है। हालांकि अगस्त महीने में निजी नौकरी में बढ़ोतरी हुई है मगर इनकी रफ्तार सुस्त रही है।
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