उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल मंदिर शिवलिंग शरण की जांच करने (GSI) जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की 7 सदस्यों की टीम पहुंची। टीम ने शिवलिंग पर चढ़ाएं जाने वाले जल तथा भस्म के नमूने जांच के लिए। गर्भग्रह में विराजमान बाबा महाकाल के शिवलिंग के क्षरण को लेकर 7 साल पूर्व लगाई गई याचिका के पश्चात् वक़्त-वक़्त पर GSI एवं एएसआई की टीम श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचती है तथा यह पता करती है कि बाबा महाकाल को अर्पित की जाने वाली पूजन सामग्री पूरी तरह शुद्ध है। इस सामग्री की वजह से कहीं बाबा महाकाल के शिवलिंग को कोई क्षरण तो नहीं हो रहा है। इन नमूनों को अग्रिम जांच के लिए भोपाल एवं नागपुर में भेजा जाएगा।
GSI के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण के तहत माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश पर यहां आकर नमून लेते हैं। महाकाल लोक बनने के पश्चात् लाखों के आंकड़े में भक्त बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं। महाकाल मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए गर्भ ग्रह में प्रवेश बंद किया हुआ है। सिर्फ VIP और पंडे पुजारी ही गर्भ ग्रह में पूजन अभिषेक करते हैं। अब रिपोर्ट आने के पश्चात् ही पता चलेगा कि शिवलिंग कितना सुरक्षित है या फिर इसका क्षरण जारी है।
GSI टीम के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 7 सदस्यों की टीम वर्तमान में महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के क्षरण की मौजूदा स्थिति, विभिन्न द्रव्यों से पड़ने वाले प्रभाव आदि बिंदुओं की तहकीकात कर रही है। हमने बाबा महाकाल को चढ़ाएं जाने वाले जल के साथ ही अभिषेक में सम्मिलित सामग्री, भगवान को अर्पित की जाने वाली भस्म के साथ ही अन्य पूजन सामग्री का भी नमूना लिया है, जिसकी जांच करवाई जाएगी।
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