कौशांबी : यहां एक मामा को अपनी सात महीने की भांजी के शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस या शव वाहिनी नहीं मिलने पर भांजी के शव को कंधे पर लादकर 10 किमी का सफर साइकिल से तय करने का मामला सामने आया है.मामले के तूल पकड़ने पर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार कौशांबी के सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव के अनंत कुमार की 7 महीने की बेटी पूनम को सोमवार की सुबह अचानक उल्टी-दस्त होने लगी .उसे जिला अस्पताल लाया गया. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. परिजनों के अनुसार हम लोग एम्बुलेंस से अस्पताल आए थे. लेकिन बेटी का शव वापस घर जाने के लिए डॉक्टरों से मदद मांगी तो उन्होंने कोई मदद नहीं की.
पूनम के पिता अनंत कुमार ने कहा कि जब एम्बुलेंस के ड्राइवर के पास गया तो उसने 800 रुपए मांगे. रुपए न होने की बात कहने पर वो शव को ले जाने को राजी नहीं हुआ. इसके बाद डॉक्टरों ने मुझे शव वाहन का नंबर दिया. वहां फोन किया तो ड्राइवर ने कहा कि वाहन में पेट्रोल नहीं है.
इस बीच मृतक पूनम का मामा बृजमोहन अस्पताल आया. उसने अपने जीजा अनंत को रोते-बिलखते देखा. इसपर उसने अपनी भांजी पूनम के शव को कंधे पर उठाया और साइकिल से 10 किमी दूर स्थित गांव पहुंचा. बता दें कि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद जिला प्रशासन सकते में आ गया. डीएम ने सीएमओ डा.एसके उपाध्याय को ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और एम्बुलेंस ड्राइवर पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दे दिया. बता दें कि इससे पहले 3 मई को भी इटावा में एक व्यक्ति को अपने 15 साल के बेटे के शव को सरकारी अस्पताल से कंधे पर लादकर घर ले जाना पड़ा था.
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