नई दिल्ली: देश के राष्ट्रगान 'जन गण मन' और बांग्लादेश के राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' के रचयिता एवं नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की आज पुण्यतिथि है। आज पूरा देश गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर को याद कर रहा है। ऐसे में उनके विचार और कथन आज भी भारत सहित पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। गुरुदेव का जन्म 07 मई 1861 को कलकत्ता के जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी में हुआ था और उनका देहावसान 07 अगस्त 1941 को हुआ।
गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर के 7 अनमोल विचार
1. आप समुद्र के किनारे खड़े होकर और उसके जल को घूरकर पार नहीं कर सकते हैं।
2. हमें जीवन की चुनौतियों से बचने के लिए प्रार्थना नहीं करनी चाहिए, बल्कि उनका निडर होकर सामना करने की हिम्मत मिले, इसके लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
3. जो लोग अच्छाई करने में स्वयं को ज्यादा व्यस्त रखते हैं, वह स्वंय के अच्छा बनने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं।
4. मैंने स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है। जब मैं जागा और पाया कि जीवन सेवा है। फिर मैंने सेवा की और पाया कि सेवा में ही आनंद है।
5. यदि आप इसलिए रोते हैं कि सूर्य आपके जीवन से बाहर चला गया है, तो आपके आंसू आसमान के सितारों को देखने से रोक देंगे।
6. प्रत्येक बच्चा इस संसार में इस संदेश के साथ आता है कि ईश्वर अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं है।
7. जो कुछ हमारा है, वह हम तक तभी पहुचता है, जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता अपने अंदर विकसित कर लेते हैं।
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