पटना: बिहार सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई द टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज (TISS) की रिपोर्ट में बिहार के शेल्टर होम्स में हो रहे दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार के हर आश्रय गृह में दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं. TISS द्वारा एक ऑडिट किया गया था, जिसमे TISS की टीम ने बिहार के सभी आश्रय गृह में कुछ समय रूककर जांच की थी, जिसके बाद टीम ने कहा कि वहां के हालत बेहद ख़राब थे.
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अपनी 100 पन्नों की रिपोर्ट में TISS ने बताया है कि मुजफ्फरपुर दुष्कर्म का मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर लड़कियों के साथ हिंसात्मक व्यवहार करता था, रिपोर्ट में बताया गया है कि कई लड़कियों ने बृजेश पर यौन उत्पीड़न और हिंसा के आरोप लगाए हैं. रिपोर्ट में एक अन्य संस्था 'सेवा कुटीर' जो ॐ साईं फाउंडेशन द्वारा संचालित है, पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं, रिपोर्ट में बताया गया है कि इस आश्रय गृह में भी लड़कियों के साथ हिंसा और दुष्कर्म किया जाता है.
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रिपोर्ट में लड़कों के आश्रय गृह 'निर्देश' में भी यौन शोषण और हिंसा की बात कही गई है. इसके अलावा रिपोर्ट में आश्रय गृह 'सखी', मुंगेर जिले का 'पनाह',कैमूर का 'ग्राम स्वराज सेवा संसथान' पटना का 'नारी गुंजन', मधुबनी का 'RVESK', कैमूर का 'ज्ञान भारती', जैसे कई आश्रय गृहों के नाम शामिल हैं, जहां दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है.
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