अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अमृतसर में स्थित श्री दरबार साहिब (जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है) के परिसर में योग करने के लिए एक दलित महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद की गई है, जिसमें इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्री दरबार साहिब परिसर में योग करते हुए दिखाया गया है।
एक अंग्रेज फोटोग्राफर ने स्वर्ण मंदिर की 1903 में तस्वीर ली थी जब पवित्र सरोवर में हिंदू सन्यासी और साधु स्नान कर रहे हैं और पूजा अर्चना कर रहे हैं ध्यान लगा रहे हैं
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) June 22, 2024
हम तो सिख धर्म को अपने से अलग नहीं समझते हमारे यहां परंपरा रही है बड़े बेटे को अपना धर्म बचाने के लिए सरदार बना… pic.twitter.com/5J5WHGZ9nl
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह की हरकतें सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में गुरु मति की पवित्रता का उल्लंघन करती हैं। उन्होंने दुख जताया कि इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व और पवित्रता के बावजूद, कुछ लोग इन पहलुओं की अनदेखी करते हैं और अनुचित व्यवहार करते हैं।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में नमाज़ का स्वागत है और योग बेअदबी है ????
— ANUPAM MISHRA (@scribe9104) June 23, 2024
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी दशकों से खालिस्तानियों को क़ब्ज़े में है। उनके भी पहले यहाँ जलियाँवाला बाग़ नरसंहार के हत्यारे जनरल डायर को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया था। इनसे न उलझें, इन्हें इनके हाल पर… pic.twitter.com/7hgrnm9e8G
धामी ने खुलासा किया कि सिख समुदाय ने दलित महिला अर्चना मकवाना के आचरण से गहरा आहत महसूस किया, जिसके कारण उसके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि मकवाना ने पहले ही अपने कार्यों के लिए माफ़ी मांग ली है, और ऐसे व्यवहारों के खिलाफ़ आग्रह किया है जिसके लिए बाद में माफ़ी मांगने की ज़रूरत हो। हालाँकि, SGPC के इस कदमकी सोशल मीडिआ पर आलोचना हो रही है, लोग कई पोस्ट करके SGPC पर दोहरे मापदंड का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमे स्वर्ण मंदिर परिसर में नमाज़ पढ़तेलोग दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में यूज़र्स पूछ रहे हैं कि, जब पूरे समूह को नमाज़ की अनुमति है, तो एक दलित महिला के योग करने पर आपत्ति क्यों ?
एक दलित लड़की अर्चना मकवाना ने स्वर्ण मंदिर परिसर में योग दिवस पर योगाभ्यास किया तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक से लेकर दुनिया भर के खालिस्तानी उसे जान से मारने की धमकी दे रहे है
— ocean jain (@ocjain4) June 22, 2024
इसी स्वर्ण मंदिर परिसर में कुछ ही महीने पहले मुसलमानों के ग्रुप ने नमाज पढ़ा था तब किसी ने उसे पर… pic.twitter.com/cxMyJoWdOH
घटना के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए श्री दरबार साहिब के महाप्रबंधक भगवंत सिंह धंगेरा ने पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर तस्वीरें सामने आने के बाद घटना की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की गई। फुटेज से पता चला कि मकवाना ने परिसर के भीतर लगभग 5 सेकंड की अवधि के लिए योग मुद्रा धारण की थी। परिणामस्वरूप, अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने के आरोप में तीन कर्मचारियों- गगनपाल सिंह, हरजिंदर सिंह और पलविंदर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और उसे गुरुद्वारा गढ़ी साहिब गुरदास नंगल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
Yoga is an integral part of Sikhism says a Sikh Scholar.
— Sunanda Roy ???? (@SaffronSunanda) June 23, 2024
Meanwhile SGPC is threatening a dalit girl Archana Makwana for doing Yog asana in Golden Temple.
Khalistanis are threatening her for life.
Khalistanis need to remember their roots or can convert to Islam and can live in… pic.twitter.com/oyqgEcmrYN
धनगेरा ने जोर देकर कहा कि महिला के आचरण ने सिख भावनाओं को बहुत ठेस पहुंचाई है, जिसके कारण एसजीपीसी ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मकवाना ने तब से अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से तस्वीरें और वीडियो हटा दिए हैं। इस घटना ने विवाद को जन्म दिया है और धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और सामुदायिक भावनाओं का सम्मान करने के बारे में चिंताएं पैदा की हैं।
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