अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। SGPC ने सिंह के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि SGPC जल्द ही "गुरुद्वारा ईसाई समिति" में बदल जाएगी। इस टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए SGPC ने आरपी सिंह को कानूनी नोटिस भेजा है। समिति के वकील एएस सियाली ने शुक्रवार को यह नोटिस भेजते हुए कहा कि भाजपा नेता का यह बयान जानबूझकर और पूरे होश में दिया गया है, जिससे सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँची है। उन्होंने सिंह की तुरंत गिरफ्तारी और माफी की मांग की।
SGPC के अध्यक्ष, एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरपी सिंह को SGPC जैसे ऐतिहासिक और सम्मानित संगठन पर इस प्रकार के बयान देने से बचना चाहिए। धामी ने SGPC के 104 वर्षों के इतिहास और इसके संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संस्था ब्रिटिश शासन से गुरुद्वारा प्रशासन को वापस लेने और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के अनुसार इसे चलाने के लिए बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि सिंह का बयान उनके बौद्धिक स्तर और सांप्रदायिक समझ की कमी को दिखाता है। एडवोकेट धामी ने स्पष्ट किया कि अगर आरपी सिंह ने माफी नहीं माँगी और आगे से इस तरह की बयानबाजी नहीं रोकी, तो SGPC उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए मजबूर होगी।
उधर, शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट की नेता, बीबी जागीर कौर ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर आरोप लगाया कि उन्होंने SGPC को एक "कंपनी" की तरह चला रखा है, जिसमें वे खुद मालिक बने हुए हैं। बीबी जागीर कौर, जो SGPC चुनाव की उम्मीदवार भी हैं, ने आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल को सियासी नेताओं ने कमजोर कर दिया है, और इसके चलते श्री अकाल तख्त साहिब और SGPC खतरे में हैं।
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