लंबे समय के ब्रेक के बाद अब कई फिल्म दस्तक देने जा रही है. वही इस बीच बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन एक बार फिर वूमेन सेंट्रिक फ़िल्म के साथ प्रस्तुत हैं. मैथमेटिशियन, ज्योतषी और राइटर शकुंतला देवी की बायोपिक में एक्ट्रेस विद्या बालान ने एक मां और स्वतंत्र महिला का अभिनय निभाया है. अभिनेत्री के इस अभिनय को स्क्रीन पर कलरफुल बनाया है को-स्टार सान्या मल्होत्रा ने. इन सबको बांधने का काम डायरेक्टर अनु मेनन ने किया है. गणित की गुणाभाग के बीच जीवन के कई प्रश्न आपको एंटरटेन करते हैं.
बता दे की मूवी शकुंतला देवी के जीवन पर आधारित है. साउथ इंडिया में पैदा हुई शकुंतला देवी कभी भी स्कूल नहीं गई. किन्तु मैथ जीनियस होने के कारण बचपन से स्टेज़ शो कर रही है. शकुंतला को बचपन से सुपरमैन नहीं, किन्तु सुपरवूमेन बनना है. वे नार्मल लाइफ नहीं जीना चाहती. इसके लिए वह लदंन चली जाती हैं. कहानी में असली मोड़ तब आता है, जब शकुंतला खु़द मां बनती हैं. फिर आरम्भ होती है, शकुंतला की जिंदगी की दूसरी जंग. स्वतंत्र जीवन और परिवार के बीच शकुंतला निरंतर पिसती नज़र आती हैं. यह जंग शकुंतला अपने जिंदगी के अंतिम क्षण तक लड़ती हैं.
साथ ही फ़िल्म की स्टोरी में शकुंतला देवी के बहाने स्वतंत्र महिला और उनकी जीवन की भावनाओं को जताया गया है. फ़िल्म की कहानी की विशेष बात ये है कि यह केवल शकुंतला देवी पर ही नहीं रुक जाती है. कहानी केवल गणित पर ही आधारित नहीं है. बल्कि यह एक महिला, एक मां और एक बेटी की स्टोरी है. स्टोरी दो भाग में चलती है. एक और शकुंतला देवी की स्टोरी दिखती है, तो दूसरी और अनु बनर्जी की भी कहानी दिखाई गई है. इसी की साथ यह फिल्म बेहद ही इंट्रेस्टिंग है.
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