पुष्य नक्षत्र में की गई पूजा और उपाय हमेशा शुभ फल देते हैं। जी हाँ और अलग-अलग दिनों के साथ मिलकर ये नक्षत्र कई शुभ योग बनाता है। आप सभी को बता दें कि इस बार 4 जून, शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने शनि-पुष्य (Shani Pushya 2022) का शुभ योग बन रहा है। वहीं पंचांग के अनुसार, पुष्य नक्षत्र 3 जून की शाम 7 बजे से शुरू होगा जो अगले दिन यानी 4 जून की रात लगभग 10 बजे तक रहेगा। ऐसे में जो लोग शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, उनके लिए ये अच्छा मौका है। जी हाँ, इस दिन शनिदेव के कुछ आसान उपाय करने से आप परेशानियों से बच सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
* शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हनुमानजी की पूजा भी विशेष फलदाई बताई गई है। जी दरअसल शनिवार को हनुमान चालीसा या हनुमान बाहु अष्टक का पाठ करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। यह उपाय हनुमानजी के मंदिर में बैठकर किया जाए तो और भी जल्दी शुभ फल मिलते हैं।
* शनि पुष्य के शुभ योग में काले घोड़े की नाल से अंगूठी बनावाकर अपनी मध्यमा उंगली (सबसे बड़ी) में धारण करें। अगर ऐसा करना संभव न हो तो किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर शनि का रत्न नीलम भी पहन सकते हैं।
* शनि पुष्य के शुभ योग में शनिदेव की पूजा करने के बाद उसी स्थान पर बैठकर शनि मंत्रों का जाप करें। ये हैं शनिदेव के कुछ आसान मंत्र-
- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः
- ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये
- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः
- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
* शनिदेव का तिल के तेल से अभिषेक करें या पंडित से करवाएं। वहीं इसके बाद शनि शांति मंत्रों से हवन करवाएं। यह सब करने के बाद गरीबों, दिव्यांगों और अनाथों को भोजन करवाएं। इसी के साथ कुष्ठ रोगियों को जूते-चप्पल, कंबल, तेल आदि का दान करें।
* ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का पाठ करते हुए पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें। अंत में पीपल के पेड़ में मीठा दूध अर्पित करें और उसके नीचे बैठकर शनि स्तवराज का पाठ करें। आपको लाभ होगा।
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