आप सभी को बता दें कि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है और इस बार यह 3 जून को है. ऐसे में इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करते है और उनका आर्शीवाद प्राप्त करते हैं. ऐसे में जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है वे अगर इस दिन कुछ खास शनिमंत्रों का जाप करें तो इससे उन्हें लाभ होगा. जी हाँ, शास्त्रों की माने तो जो व्यक्ति शनि जयंती पर इन मंत्रों का जाप करता है उससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और वह सुख पूर्वक अपना जीवन व्यतीत करता है, शनि जयंती पर किन मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं इनके बारे में. आइए जानते हैं.
शनि जयंती पर इन मंत्रों से करें शनिदेव को प्रसन्न :-
ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ मन्दाय नमः।।
ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।
साढ़ेसाती से बचने के मंत्र :-
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
क्षमा के लिए शनि मंत्र :-
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दुरू खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगतारू सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए शनि मंत्र :-
ध्वजिनी धामिनी चौव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
शनि देव का गायत्री मंत्र :-
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
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