श्रीनगर : श्रीनगर में आये दिन आतंकवादी हमले होते रहते हैं और कई बार भारतीय जवान उन्हें मुँह तोड़ जवाब देते हैं. इसी क्रम में अदम्य साहस का परिचय देते हुए ग्राम केरिया, फागी जिला जयपुर हाल झोटवाडा निवासी शंकर लाल जाट ने 4 आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया था और अपने साथियों की जान बचाई थी. आपको बता दें कि श्रीनगर के सुम्बल इलाके में CRPF की 45वीं बटालियन के कैम्प पर यह आतंकी हमला हुआ था. असिस्टेंट कमांडेंट शंकर लाल जाट के इस वीरतापूर्ण कार्य के लिए इस गणतन्त्र दिवस के मौके पर देश के प्रथम नागरिक श्री रामनाथ कोविंद द्वारा पुलिस पदक देने की घोषणा की गई.
इस बारे में बात करते हुए शंकर लाल ने जानकारी दी कि पिछले वर्ष 5 जून के दिन सुम्बल इलाके में आतंकवादियों ने तड़के करीबन 3.30 बजे उनके कैम्प पर अटैक कर दिया था. शंकर ने बताया कि हमला होते ही उन्होंने मोर्चा संभाला और जैसी हालत में थे वैसे ही अपनी बन्दूक थाम आतंकियों की तरफ से हो रही फायरिंग का जवाब देने लगे. उन्होंने अपनी जान की जरा भी परवाह नहीं की और मौत के सौदागरों को मुँह तोड़ जवाब देते हुए 4 आतंकियों को मौत की आगोश में भेज दिया.
उन्होंने आतंकवादियों को उनकी साजिश में नाकाम कर दिया और अपने साथियों की जान बचाई. अपनी सूझ-बूझ और अदम्य साहस के दम पर उन्होंने एक बड़े हमले को विफल कर दिया और आतंकियों को कैम्प में घुसने से पहले ही जहन्नुम की सैर करा दी. उनके इस कार्य की प्रशंसा जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी द्वारा की गई और उन्हें सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी प्रधानमंत्री की तरफ से प्रशंसा पत्र भेजकर सम्मानित किया. गौरतलब है कि शंकर जाट पिता चतुर्भुज एक किसान हैं और माताजी बरजी देवी गृहणी है. शंकर के पिता का कहना है कि मुझे अपने बेटे पर बहुत नाज़ है कि उसने आज न सिर्फ अपना फ़र्ज़ निभाया बल्कि अपने साथियों की जान बचते हुए दुश्मनो को धुल चटाई.
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