अहमदाबाद: गुजरात के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला विधानसभा उपचुनाव व स्थानीय निकाय चुनाव से पहले अचानक ही सक्रिय हो गए हैं। जी हाँ, वह इस समय कई मामलों के बारे में अपनी राय रख रहे हैं फिर वह केंद्र सरकार का किसान बिल हो या गुजरात सरकार की शराबबंदी नीति। अब हाल ही में उन्होंने शराबबंदी से गुजरात का पर्यटन खोखला होने का दावा किया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि सार्वजनिक जीवन में आने से पहले उन्होंने जमकर शराब का सेवन किया है लेकिन पूर्वप्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के एक निर्देश पर उन्होंने शराब व बीयर आदि का सेवन पूरी तरह बंद कर दिया।
इसके अलावा उन्होंने यह तक कहा कि, 'शराबबंदी की नीति से राज्य में भ्रष्टाचार, मादक द्रव्यों का कारोबार बढ़ गया है।' जी दरअसल उनका मानना है कि गुजरात पर्यटन के क्षेत्र में काफी आगे जा सकता है लेकिन शराबबंदी के चलते अब यह खोखला हो गया। उन्होंने कहा कि पड़ोस में उदयपुर, आबू, दमण दीव में जाकर युवा शराब का सेवन करते हैं। शराबबंदी से गुजरात के युवाओं में हशीश, अफीम, गांजा, चरस के सेवन की आदत बढ़ गयी है। शराब की अवैध तस्करी से पुलिस विभाग में भारी भ्रष्टाचार हो गया है तथा कई युवाओं की जिंदगी शराब की अवैध तस्करी के कारोबार में फंस कर रह गई है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी वादा किया है कि किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए मुफ्त पानी देंगे तथा बिजली के बिल मीटर से नहीं हॉर्सपावर के हिसाब से वसूल करेंगे ताकि उन पर बिजली चोरी के आरोप नहीं लगें तथा बिल भी कम आए। वहीं आपको याद हो तो इससे पहले वाघेला ने केंद्र सरकार के किसान संबंधी बिलों का यह कहते हुए विरोध किया था कि किसानों की चिंता है तो बिल में कंपनी व व्यापारियों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान क्यों नहीं किया गया।
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