पटना: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने औरंगाबाद में कहा कि सियासी दलों को पहले ये आकलन करना चाहिए कि वह किन सीटों पर चुनाव जीत सकती है, इसके पश्चात् ही चुनाव लड़ना चाहिए। किन्तु ये भी याद रहे कि यदि वह चुनाव लड़ रही हैं तो उनके मैदान में होने से सत्तारूढ़ दलों को किसी प्रकार की सहायता न मिले।
वही यह पूछे जाने पर कि कोई भी सियासी दल प्रदेश के हर हिस्से में चुनाव लड़ने की स्थिति में क्यों नहीं है तथा क्या यह पार्टियों के कमजोर होने का संकेत है। इस पर NCP अध्यक्ष ने कहा कि 'पार्टियां किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकती हैं, किन्तु उन्हें सोचना चाहिए कि क्यों वे ऐसा कर रहे हैं। पवार ने कहा कि पार्टियों को पहले ये देखना चाहिए कि सीटों पर चुनाव लड़कर वे सत्तारूढ़ दलों की सहायता तो नहीं कर रहे हैं। ऐसे क्षेत्र जहां से वह सीट निकाल सकते हैं, उन्हें ऐसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, क्योंकि यही सियासी रूप से समझदारी है।
दरअसल, अगले वर्ष मई 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, जबकि महाराष्ट्र में भी अगले वर्ष नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी), NCP एवं कांग्रेस का महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, जबकि सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना एवं भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। शरद पवार ने दावा किया कि वर्तमान में "भाजपा विरोधी लहर" है तथा देश के लोग कर्नाटक में हाल के विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखते हुए परिवर्तन चाहते हैं। पवार ने कहा कि यदि लोगों की यह मानसिकता रही तो देश आगामी चुनावों में परिवर्तन देखेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में छोटी-छोटी घटनाओं को 'धार्मिक रंग' दिया जा रहा है, जो अच्छा संकेत नहीं है।
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