नई दिल्ली : देश में जहां एक ओर गोमांस और गोहत्या को लेकर विवाद छिड़ा है. वहीं दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार का एक बड़ा बयानआया है. शरद पवार ने सावरकर का हवाला देते हुए कहा कि उपयोगिता के बाद गाय का मांस खाना गलत नहीं है. इस बयान के बाद लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आने से इंकार नहीं किया जा सकता.
बता दें कि शरद पवार ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो गाय को माता मानते हैं. उनकी अपनी श्रद्धा है मैं इसके खिलाफ नहीं हूं, लेकिन समाज में एक दूसरा वर्ग भी है जो लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सोच रखता है. सावरकर के मुताबिक "गाय कभी किसान पर बोझ नहीं बननी चाहिए. सावरकर ने कहा था कि गाय की जब उपयोगिता खत्म हो जाए तो उसे खाना गलत नहीं है. अगर किसी ने हत्या करके गो मांस खाया है तो मैं उसे दोषी नहीं मानता हूं."
गौरतलब है कि शरद पवार ने सावरकर की प्रतिमा संसद भवन के सेंट्रल हॉल में लगाने की बात का जिक्र करते हुए कहा कि मैं इसके भी खिलाफ नहीं हूं. लेकिन सावरकर जी की मॉर्डन साइंस को लेकर जो सोच थी उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. आज लोगों के ऊपर विचार थोपने का काम हो रहा है. ये सही बात नहीं है. इससे देश में आज एक अलग परिस्थिति पैदा हो गई है.
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