मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और NCP नेता शरद पवार पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ संबंधों का आरोप फिर से लगाया गया है। यह दावा प्रकाश अंबेडकर, जो वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता और भीमराव अंबेडकर के पोते हैं, ने 18 अक्टूबर 2024 को मीडिया से बातचीत में किया। उन्होंने कहा कि जब शरद पवार 1988 से 1991 तक मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने दुबई जाकर दाऊद इब्राहिम से मुलाकात की थी।
अंबेडकर ने यह सवाल उठाया कि क्या केंद्र सरकार ने इस मुलाकात के लिए पवार को अनुमति दी थी। यदि अनुमति मिली थी, तो केंद्र को इस मामले की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए। और यदि अनुमति नहीं थी, तो क्या पवार ने इस मुलाकात की जानकारी केंद्र सरकार को दी थी? उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने यह सवाल अब उठाया है क्योंकि महाराष्ट्र में एक बार फिर 90 के दशक जैसी स्थिति बनती दिख रही है। उल्लेखनीय है कि, यह पहली बार नहीं है कि शरद पवार और दाऊद के संबंधों पर सवाल उठे हैं।
यह प्रकाश आंबेडकर हैं यह बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी शरद पवार 90 के दशक में कई बार दुबई जाकर दाऊद इब्राहिम से मिले हैं
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) October 19, 2024
अब यदि विपक्ष प्रकाश आंबेडकर को संघी घोषित कर रहे हैं तो मैं आपको बता दूं कि यह संघ और बीजेपी और हिंदू धर्म से बहुत नफरत करते हैं उनके कई… pic.twitter.com/6TTJAR5ErB
इससे पहले, रॉ के पूर्व अधिकारी एनके सूद ने भी दावा किया था कि NCP के मुखिया पवार के दाऊद से संबंध थे। उनके अनुसार, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं की करीबी रिश्तों के कारण दाऊद भारत से भागने में सफल रहा। इसके अलावा, दाऊद को पकड़ने के लिए किए गए खुफिया ऑपरेशनों में भी इन नेताओं के कारण बाधाएं आईं, जिससे दाऊद वापस भारत नहीं आ सका। सूद ने यह भी कहा कि जब दाऊद के सरेंडर की बात हुई, तो उसकी एक शर्त थी कि उसे ऑर्थर जेल में थर्ड डिग्री न दी जाए, लेकिन पवार ने यह शर्त भी नहीं मानी।
इस मामले के अलावा, मुंबई बम धमाकों में भी शरद पवार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया गया था। इन धमाकों का इल्जाम दाऊद और टाइगर मेमन पर लगा था। धमाकों के तुरंत बाद, पवार ने कहा था कि 13 धमाके हुए हैं, जिनमें मुस्लिम बहुल इलाकों को भी निशाना बनाया गया। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बयान सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए दिया गया था, ताकि हिन्दू ये समझें कि मुस्लिमों को भी निशाना बनाया गया है, और इस आतंकी हमले को धार्मिक नज़रों से ना देखे। जबकि धमाकों के निशाने पर हिन्दू ही थे, उन जगहों पर हुए थे जहां मुख्य रूप से हिंदू समुदाय के लोग मौजूद थे, जैसे कि मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, नरसी नाथ स्ट्रीट, शिव सेना भवन, एयर इंडिया बिल्डिंग, सेंचुरी बाज़ार, माहिम, झावेरी बाज़ार, सी रॉक होटल, प्लाजा सिनेमा, जुहू सेंटॉर होटल, सहार हवाई अड्डा और एयरपोर्ट सेंटॉर होटल।
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