मुंबई: NCP में बगावत के पश्चात् अजित पवार निरंतर शरद पवार पर निशाना साध रहे हैं। शरद पवार भी इन हमलों का बखूबी जवाब दे रहे हैं, किन्तु उनके अतिरिक्त पार्टी के एक और नेता ने जवाबी हमले करने की बागडोर थामी हुई है। इस नेता का नाम रोहित पवार है। जो रिश्ते में शरद पवार के पोते लगते हैं। रोहित, शरद पवार के बड़े भाई के पोते हैं। रोहित पवार ने अपने एक इंटरव्यू के चलते अजित पर निशाना साधते हुए कहा, 'बीजेपी ने एक वर्ष के अंदर ही एकनाथ शिंदे को मार्जिनलाईज कर दिया। मुझे डर है कि कुछ ऐसा ही हश्र अजित पवार का भी हो सकता है। भाजपा को लोकनेता पसंद नहीं हैं।' उन्होंने यह स्वीकार किया कि अजित पवार के जाने से पार्टी को नुकसान अवश्य हुआ है, लेकिन रोहित ने यह भी कहा कि बारामती की जनता जानती है कि चुनाव में वोट किसे करना है।
चुनाव के सवाल पर रोहित ने अजित पवार की ताकत को पहचानते हुए कहा कि उन्हें पता है कि बारामती में MLA के रूप में अजित पवार ही चुनकर आएंगे। मगर सुप्रिया सुले के बारे में भी बारामती की जनता सोच-समझकर ही फैसला लेगी। शरद पवार पर किए गए पर्सनल अटैक से पर नाराजगी जताते हुए रोहित ने कहा कि अजित पवार, छगन भुजबल एवंप्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार पर निजी हमले किए। यह भाजपा की स्क्रिप्ट है। भाजपा जो चाहती है, वहीं बातें सभी लीडर कर रहे हैं।
रोहित ने कहा,' अजित हों या भुजबल, पटेल हों या वलसे-पाटिल सभी को पवार साहब राजनीति में यहां तक लाए। इतनी बार इन्हें विधायक और मंत्री बनाया। क्या वह लोग इसे भी अन्याय कहेंगे? यदि वह ऐसा बोलते हैं तो सभी सोचेंगे की ऐसा अन्याय उन पर भी होना चाहिए। पार्टी सिंबल के लिए अब हमें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। मगर हम उससे बड़ी लड़ाई अब जनता की कोर्ट में लड़ेंगे। हम इसके लिए तैयार हैं।' उन्होंने अजित पवार के बयान को कोट करते हुए कहा,' अजित ने बयान दिया कि हम किसी विशेष से पेट से जन्म नहीं ले सके तो क्या यह हमारी गलती है? किन्तु इसका सीधा संबंध सुप्रिया सुले का पार्टी में कद बढ़ने से जोड़ना गलत है। क्योंकि वह यह कह रहे हैं कि पवार साहब 4 वर्षों से भाजपा के साथ जाने का प्रयास कर रहे थे। इसका मतलब है की सुप्रिया सुले का मुद्दा तो अब सामने आया, 4 वर्षों से तो यह मसला नहीं था।'
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