शरद पूर्णिमा इस बार 13 अक्टूबर को आ रही है. ऐसे में इसे बहुत ही उत्तम तिथि माना जाता है. आप सभी को बता दें कि इसे कोजागरी व्रत के रूप में भी मनाया जाता है और कहते हैं यह दिन इतना शुभ और सकारात्मक होता है कि छोटे से उपाय से बड़ी-बड़ी विपत्तियां टल जाती हैं. जी हाँ, इसी के साथ पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था इस कारण से धन प्राप्ति के लिए भी ये तिथि सबसे अच्छी मानते हैं. मान्यता है कि इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग-अलग वरदान प्राप्त किए जाते हैं. तो आइए आज जानते हैं शरद पूर्णिमा का महत्व.
शरद पूर्णिमा का महत्व - शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है और इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है. ऐसे में इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और सोलह कलाओं से युक्त हो जाता है और इसी के साथ इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है. वहीं प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण ही श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था जिसका उल्लेख ग्रंथों में मिलता है.
इसी के साथ इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन सेहत, अपार प्रेम और खूब सारा धन हांसिल किया जा सकता है. वहीं इस दिन किए जाने वाले प्रयोगों में कुछ सावधानियों और नियमों का पालन जरूर करना चाहिए क्योंकि इनकी आवश्यकता होती है. ऐसे में इस बार शरद पूर्णिमा 13 अक्टूबर को होगी और शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें.
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