कहते हैं हिंदू धर्म में सभी त्योहार तिथियों के हिसाब से मनाए जाते हैं और उन तिथियों के आने और जाने का समय हर साल अंग्रेजी कैलेंडर की समान तारीख को नहीं रहता है बदल जाता है. ऐसे में इस बार शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि शरद पूर्णिमा 23 अक्टूबर को है और कुछ का कहना है कि यह 24 अक्टूबर को है. ऐसे में क्यों और किस दिन आपको शरद पूर्णिमा मनानी चाहिए यह हम बताते हैं.
24 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा - दरअसल इस साल 23 तारीख को रात 10 बजकर 37 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग रही है, जिससे निशिथ काल में पूर्णिमा तिथि होगी लेकिन शास्त्रों के अनुसार जिस दिन पूर्णिम तिथि प्रदोष काल में यानी शाम के समय होती है उसी दिन शरद पूर्णिमा मनाई जानी चाहिए. यानी इस बार शरद पूर्णिमा 24 को है. 24 तारीख को शरद पूर्णिमा तिथि पूरे दिन और रात के 10 बजकर 15 मिनट तक है इस वजह से 24 तारीख को शरद पूर्णिमा मनाना शास्त्रों के अनुसार सही है.
ये हैं पूजा करने के शुभ मुहूर्त - वहीं 24 तारीख की शाम में 5 बजकर 40 मिनट से 5 बजकर 45 मिनट तक का समय बहुत ही शुभ रहेगा और पांच मिनट के इस समय में आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, उसे पूर्णता तक पहुंचाने के लिए मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. इसी के साथ रात में 9 बजकर 24 मिनट से रात 11 बजकर 37 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा और इस वक्त आप ध्यान, मन और विधि-विधान के साथ मां लक्ष्मी और श्रीहरि की पूजा शुरू करेंगे तो लाभ मिलेगा.
इस बार 23 अक्टूबर को है शरद पूर्णिमा, जानिए व्रत विधि और सावधानियां