आप सभी को बता दें कि इस बार शरद पूर्णिमा 23 अक्टूबर को मनाई जाने वाली है. ऐसे में इस दिन को बहुत ख़ास माना जाता है और इस दिन अच्छे से पूजा करने से घर में पैसो की कमी नहीं होती है. तो आइए अब हम आपको बताते हैं शरद पूर्णिमा की व्रत विधि.
व्रत विधि: कहा जाता है पूर्णिमा के दिन सुबह में इष्ट देव का पूजन करना चाहिए और इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करने के बाद घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. इसके बाद ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए जिससे पैसा खूब आता है. कहा जाता है लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है और इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. ऐसा भी कहा जाता है रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए तो लाभ मिलता है और मंदिर में खीर आदि दान करने का विधि-विधान भी इसी दिन का है और साथ ही कहा जाता है इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है इसका लाभ जरूर लेना चाहिए.
शरद पूर्णिमा को रखे यह सावधानियां - कहते हैं इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें तभी लाभ होता है इसी के साथ उपवास ना भी रखें तो भी इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए. कहा जाता है इस दिन शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे और ध्यान रखे कि इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा.
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