शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल मनाया जाने वाला पर्व है और यह पर्व इस साल 30 अक्टूबर को मनाया जाने वाला है। जी दरअसल इस पर्व को शरद पूर्णिमा के अलावा कोजागिरी पूर्णिमा व्रत और रास पूर्णिमा भी कहते हैं। वहीं कुछ क्षेत्रों में तो इस व्रत को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। वैसे शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा व भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके शुभ मुहूर्त।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त- आपको बता दें कि यह पर्व 30 अक्टूबर की शाम 05:47 मिनट से शुरू होगा और 31 अक्टूबर की रात 08:21 मिनट पर खत्म होगा। ऐसे में इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाने वाला है। कहा जाता है शरद पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी भक्तों की सभी परेशानियां दूर करती हैं। वैसे शरद पूर्णिमा के दिन खीर का भोग लगाकर आसमान के नीचे रखा जाता है और उसके बाद उसे सुबह के समय खा लिया जाता है। ऐसा करने से हमेशा स्वस्थ रहने का वरदान मिलता है।
पूर्णिमा व्रत शुभ मुहूर्त:
शरद पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 30 अक्टूबर 2020 को शाम 07 बजकर 45 मिनट
शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय: 30 अक्टूबर 2020 को 7 बजकर 12 मिनट
शरद पूर्णिमा तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2020 को रात्रि 8 बजकर 18 मिनट
मंत्र : ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र: ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
कुबेर को मनाने का मंत्र: ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।
सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का मंत्र: पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु में।
30 अक्टूबर को है शरद पूर्णिमा, जरूर पढ़े-सुने यह पौराणिक एवं प्रचलित कथा
कंगना पर भड़के गोवा के प्रोड्यूसर, कहा- 'जमीनी हकीकत नहीं पता, गोवा का नाम खराब।।।'
भारत में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, संक्रमितों की तादाद 80 लाख के पार