आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी और इसी कारण इस दिन वो धरती पर वास करती हैं और अपने भक्तों की हर कामना पूर्ण करती है। इसी के साथ ही इस दिन चंद्रमा भी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। कहा जाता है इस दिन मां लक्ष्मी, चंद्र देव के साथ भगवान विष्णु, कुबेर जी, भगवान कृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण हो जाती है। हालाँकि शरद पूर्णिमा के दिन किन मंत्रों का जाप करना शुभ हो सकता है। आइए बताते हैं आपको।
शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी के मंत्र- शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विधिवत पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जाप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
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कुबेर मंत्र- शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कुबेर की भी विधिवत पूजा करने के साथ इस मंत्र का जाप करना चाहिए। जी हाँ क्योंकि ऐसा करने से सुख-समृद्धि, धन संपदा की प्राप्ति होती है।
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।
भगवान शिव का मंत्र- शरद पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग की विधिवत पूजा करें। जी हाँ और इसके लिए जलाभिषेक करें और सफेद चंदन, अक्षत, बेलपत्र, आंकडे के फूल और मिठाई का भोग लगा दें। वहीं इसके बाद इस मंत्र का जाप करें। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से मृत्युभय, दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है।
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
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