नई दिल्ली : जेडीयू के बागी नेता शरद यादव को 'सांझा विरासत बचाओ सम्मेलन' में विपक्ष के मिले समर्थन से उनके हौसले बुलन्द हैं. शरद यादव अब नीतीश कुमार द्वारा उन्हें पार्टी से निकाले जाने का इंतजार हैं, ताकि चुनाव आयोग में जेडीयू का असली उत्तराधिकारी होने का दावा पेश किया जा सके.
उल्लेखनीय है कि आज शनिवार को शरद यादव पटना में रहेंगे, लेकिन वो जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तो शामिल नहीं होंगे, लेकिन श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 'जन अदालत सम्मेलन' को जरूर संबोधित करेंगे. इस जन अदालत सम्मेलन में नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ गठबंधन से नाराज जेडीयू के कई नेता भी शामिल होंगे. सूत्रों के अनुसार शरद यादव इसके बाद चुनाव आयोग में जेडीयू का असली उत्तराधिकारी होने का दावा पेश करेंगे जैसा मुलायम सिंह ने यूपी में सपा के लिए किया था.हालाँकि उसमे फैसला अखिलेश यादव के पक्ष में गया था.
बता दें कि इस बारे में शरद यादव के समर्थकों का कहना कि वर्ष 1999 में नीतीश कुमार और जार्ज फर्नाडिस ने अपने राजनैतिक फायदे के लिए अपनी समता पार्टी का विलय शरद यादव की जेडीयू में किया था. इसलिए शरद यादव ही जेडीयू के असली उतराधिकारी हैं.ऐसे में नीतीश कुमार और उनके समर्थकों को जेडीयू से बाहर जाना चाहिए. इन हालातों में एक बार फिर चुनाव आयोग इस लड़ाई का अखाड़ा बन जाएगा. जिसमे शरद यादव और नीतीश कुमार की इस वर्चस्व की लड़ाई में बीजेपी और कांग्रेस के बीच भी तीखी बयानबाजी देखने को मिलेगी.
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