दुनियाभर में कई त्यौहार हैं जो खूब फेमस हैं. ऐसे में इन सभी में पितृ पक्ष भी शामिल है. जो अपने पितरों को समर्पित होता है. ऐसे में पितृ पक्ष उन लोगों के लिए होता है जिनके घर में किसी की मृत्यु हो जाती है और पितरों में उन्हें मिलवाने के लिए एक विशेष पूजा की जाती है. आपको बता दें कि इस साल पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरु हो रहा है और इसके लिए लोगों में तैयारियां भी शुरु हो चुकी हैं. वहीं हिंदू पुराण में कुल 12 तरह के श्राद्धों का वर्णन किया गया है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
नित्य श्राद्ध- पितृ पक्ष के दौरान व्यक्ति को प्रतिदिन अन्न, जल, दूध और कुश से श्राद्ध करने से पितर भी खुश होते हैं.
नैमित्तिक श्राद्ध- यह श्राद्ध माता-पिता की मृत्यु के दिन किया जाता है जिसे एकोदिष्ट कहा जाता है.
काम्य श्राद्ध- यह विशेष सिद्धि प्राप्ति के लिए करते हैं.
वृद्धि श्राद्ध- सुख और सौभाग्य की कामना के लिए वृद्धि श्राद्ध किया जाता है.
सपिंडन श्राद्ध- मृत लोगों के 12वें दिन यह श्राद्ध महिलाएं करती हैं.
पार्वण श्राद्ध- पर्व की तिथि को इस नाम का श्राद्ध करते हैं.
गोष्ठी श्राद्ध- परिवार के सदस्य मिलकर जो श्राद्ध करते हैं वह यह है.
शुद्धयर्थ श्राद्ध- पितृ पक्ष में परिवार को शुद्ध करने के लिए यह करते हैं.
कर्मांग श्राद्ध- यह किसी संस्कार के मौके पर करते हैं.
तीर्थ श्राद्ध- यह किसी तीर्थ के दौरान करते हैं.
यात्रार्थ श्राद्ध- यह यात्रा की सफलता के लिए करते हैं.
पुष्टयर्थ श्राद्ध- यह उन्नति के लिए करते हैं.
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