नई दिल्ली: जामिया हिंसा मामले में साकेत कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम को आरोप मुक्त कर दिया है. शरजील के खिलाफ IPC और अनलॉफुल असेम्बली सेक्शन (UnlawfulAssembly Section) 143,147,148, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120B और 34 की धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया था, अब इसी मामले में कोर्ट ने शरजील को आरोप मुक्त कर दिया है.
हालाँकि, अब भी शरजील जेल से बाहर नहीं आ सकेगा. क्योंकि वर्ष 2020 के दिल्ली दिल्ली दंगा साजिश का मुकदमा अभी भी उसके खिलाफ चल रहा है. मामले में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है. वहीं, भड़काऊ बयान देने के मामले में भी शरजील के खिलाफ मुकदमा चल रहा है, जिसमें इमाम ने असम को भारत से काटकर अलग करने की बता कही थी, दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने मामले की जांच की थी. इस मामले में इमाम पर देशद्रोह और UAPA लगाया गया था, इस केस में भी अभी उसे जमानत नहीं दी गई है
बता दें कि, शरजील इमाम ने अपने भाषण में असम को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाले संकरे भूभाग यानी चिकेन नेक क्षेत्र को अलग करने की बात कही थी. शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत भी मामला दर्ज किया था. बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में 16 जनवरी 2020 को शरजील ने जो भाषण दिया था, उसके लिए उसके खिलाफ 5 राज्यों में देशद्रोह का केस दर्ज हुआ था. इसमें दिल्ली के साथ ही असम, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल था. शरजील को बिहार से अरेस्ट किया गया था.
बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ जो चार्जशीट दाखिल की थी. उसके अनुसार, उसने अपने भाषणों से लोगों (खासकर मुस्लिमों) में केंद्र सरकार के प्रति घृणा, अवमानना और अप्रसन्नता पैदा की थी, जिससे लोग भड़क गए और फिर दिसंबर 2019 में जामिया में हिंसा हुई थी.
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