नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दफ्तर को केंद्र सरकार ने CISF की सुरक्षा उपलब्ध करायी है। अब इस मामले को लेकर विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने भारतीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा ढांचे में बड़ा परिवर्तन करते हुए 3000 से ज्यादा CISF पदों को खत्म कर दिया है। अब उनकी जगह एयरपोर्ट्स पर प्राइवेट सुरक्षा गार्ड ड्यूटी करेंगे।
थरूर ने भारतीय हवाई अड्डे पर एक प्रमुख सुरक्षा ढांचे में बदलाव के तहत CISF के 3,000 पदों को खत्म करने के केंद्र के फैसले पर चिंता प्रकट की है। थरूर ने कहा है कि सरकार को संसद सदस्यों और एयरलाइंस के परामर्श के बगैर इस तरह का फैसला नहीं करना चाहिए था। शशि थरूर ने कहा कि इन दोनों खबरों को अलग मिलाकर देखें तो CISF की तैनाती पर निश्चित ही इसमे सवाल उठते है। टैक्स भरने वाले लोग, जो सार्वजनिक एयरपोर्टों के नागरिक हैं, वो CISF की तैनाती के लिए क्या उनकी निजी गैर-सरकारी संगठन की तुलना में कम प्राथमिकता है?
बता दें कि नागर विमानन मंत्रालय और गृह मंत्रालय की ओर से संयुक्त रूप से तैयार 2018-19 कार्य योजना को अब पूरे देश के 50 असैन्य एयरपोर्ट्स पर लागू किया जा रहा है। शशि थरूर ने कहा है कि सरकार को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। केंद्र सरकार ने एक दिन पहले दिल्ली स्थित RSS दफ्तर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए CISF की नियुक्ति की है। उन्होंने बताया कि मध्य दिल्ली के झंडेवालान स्थित मुख्य ‘केशव कुंज’ कार्यालय और ‘उदासीन आश्रम’ के पास मौजूद RSS के कैंप कार्यालय को एक सितंबर से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
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