कोच्ची: भारत में पूर्व इजरायली राजदूत डेनियल कार्मन में इजराइल पर खूंखार हमला करने वाले 'हमास' को आतंकी संगठन न कहने के लिए केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर की आलोचना की है। दरअसल, एक्स, पूर्व ट्विटर पर वायरल हुए एक वीडियो में, शशि थरूर ने एंकर राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए कहा कि, 'आतंकी संगठन का लेबल यह है कि हम इन मामलों में दूसरे देश के नेतृत्व का पालन न करने के लिए बहुत सावधान हैं। अमेरिका हमास को आतंकवादी संगठन मानता है और इज़राइल भी। भारत ने ऐसा कोई वर्गीकरण नहीं किया है और मैं भारतीय रुख पर कायम रहूंगा।''
Seriously, @ShashiTharoor,can you not?After decades of terror against my people,challenging the very Palestinian Authority,especially after this week’s savage slaughter of over a thousand peaceful human beings,can you not label Hamas as terrorists?Frankly,I am shocked.#HamasISIS https://t.co/G1crdOtRsz
— ????????Daniel Carmon???????? (@danielocarmon) October 11, 2023
इस वीडियो को डेनियल कार्मन सहित इंटरनेट पर कई यूज़र्स द्वारा साझा किया गया था, जिन्होंने थरूर की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। डेनियल ने लिखा कि, 'सच में, शशि थरूर, क्या आप ये नहीं कर सकते? मेरे लोगों के खिलाफ दशकों के आतंक के बाद, फिलिस्तीनी प्राधिकरण को चुनौती देने के बाद, विशेष रूप से इस सप्ताह एक हजार से अधिक शांतिपूर्ण मनुष्यों की क्रूर हत्या के बाद, क्या आप हमास को आतंकवादी नहीं कह सकते? सच कहूँ तो, मैं हैरान हूँ।'
कार्मोन के जवाब में शशि थरूर ने दलील दी कि भारत ने हमास को ऐसा कोई लेबल (आतंकवाद) जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि, 'मैंने केवल इतना कहा कि भारत ने ऐसा कोई पदनाम जारी नहीं किया है, हालांकि दूसरों ने जारी किया है। निःसंदेह हमास ने आतंकवादी कृत्य किए, जिसकी मैंने कड़ी निंदा की। मेरे शब्दों को विकृत करने की कोशिश करने वाली कच्ची सुर्खियों से गुमराह न हों, डैनियल कार्मन। थरूर ने लिखा कि, ''इस कठिन समय में मैं आपके और इजराइल के अन्य दोस्तों के लिए महसूस करता हूं और आपकी निरंतर सुरक्षा के लिए आशा और प्रार्थना करता हूं।''
यहां तक कि जब थरूर ने हमास को आतंकवादी न कहने को उचित ठहराने के लिए प्रधान मंत्री के बयान का इस्तेमाल किया, तो कई यूज़र्स ने सांसद को जवाब दिया कि पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से इज़राइल पर हमलों को "आतंकवादी हमला" कहा है। इसके अलावा, मीडिया से बातचीत में थरूर ने फिलिस्तीन की पैरवी करते हुए कहा कि 'भारत को फिलिस्तीन के मुद्दे को नहीं भूलना चाहिए।' उन्होंने कहा कि, प्रधान मंत्री के ट्वीट के आधार पर, भारत ने अब तक स्पष्ट रूप से इजरायलियों के पक्ष में रुख अपनाया है, जो हमास द्वारा इस अन्यायपूर्ण और अमानवीय हमले का शिकार हुए हैं। जहां तक बात है, तो यह ठीक है। लेकिन यह बहुत दूर तक नहीं जाता है, क्योंकि एक व्यापक तस्वीर है जो पारंपरिक भारतीय स्थिति से गायब लगती है।'
बता दें कि, हमास के आतंकवादी हमले के ठीक दो दिन बाद 9 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी ने फिलिस्तीनियों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की थी। कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए फिलिस्तीन (हमास) के समर्थन में बाकायदा एक प्रस्ताव पारित किया और युद्धविराम का आग्रह किया। हालांकि, 9 अक्टूबर को सुबह कांग्रेस ने इजराइल पर हुए हमले की निंदा की थी, जिससे भारतीय मुसलमान भड़क गए थे और उन्होंने कांग्रेस को वोट न देने की धमकी दी थी। हालाँकि, कांग्रेस ने हमले को आतंकी हमला नहीं कहा था। जिसके बाद उसी दिन शाम को CWC मीटिंग में कांग्रेस ने खुलेआम फिलिस्तीन को समर्थन दे दिया और इजराइल पर हमले वाली बात गोल कर दी। जानकारों का कहना है कि, ये कदम कांग्रेस ने इसलिए उठाया है कि, उसका मुस्लिम वोट बैंक नाराज़ न हो, क्योंकि आने वाले दिनों में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव। लेकिन, ये भी एक बड़ा सवाल है कि, जिस हमास ने 40 मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी, महिलाओं के रेप किए, उन्हें नग्न कर घुमाया, बिना उकसावे के इजराइल के लगभग 900 लोगों का नरसंहार कर दिया, उसे आतंकी संगठन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे ? यह भी गौर करिए कि, फिलिस्तीन की कोई सेना नहीं है, जो भी है, वो हमास ही है, यानी फिलिस्तीन और हमास एक ही है, फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जाताने का मतलब 'हमास' के आतंकी कृत्यों को समर्थन देना है।
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