नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने दावा किया है कि हिंदुत्व को सियासी रूप से पेश करना कुछ और नहीं बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है। उन्होंने यह भी कहा कि सहस्राब्दियों से विश्व कल्याण की कामना करने वाले हिन्दू धर्म ने बाहरी आक्रमणों में अपनी प्रतिरोध क्षमता का प्रदर्शन किया है, लेकिन अंदर से होने वाले हमलों की वजह से अब यह धर्म अपनी कमजोरी दिखा रहा है।
अपनी नई पुस्तक ' द हिंदू वे- एन इंट्रोडक्शन टू हिंदुइज्म' में थरूर ने हिंदू धर्म के अहम् दर्शनों जैसे अद्वैत वेदांत पर गहन चिंतन किया है और उन प्रारंभिक धारणाओं की तरफ ध्यान दिलाया है, जो धर्म का आधार है। यह पुस्तक उनकी पूर्व की किताब 'वाई आई एम ए हिंदू' की श्रृंखला के आगे की कड़ी है। थरूर ने किताब में लिखा कि, हिंदू धर्म अपने खुलेपन, दूसरे विचारों का सम्मान करने और अन्य विश्वासों को मंजूर करने के लिए जाना जाता है।
यह एक ऐसा धर्म है जो अन्य धर्मों के डर के बिना डटा रहा। किन्तु यह वह हिंदुत्व नहीं है जिसने बाबरी मस्जिद तोड़ी, न ही यह सांप्रदायिक सियासी नेताओं द्वारा घृणा भरे बोलों का वमन है। अठारह पुस्तकें लिख चुके शशि थरूर ने कहा कि हिंदुत्व का ऐसा दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए हिंदुत्व की सियासत का विरोध किया जाना चाहिए। यह दृष्टिकोण ऐसी हर उस वस्तु का विरोध करता है जिसके समर्थन में सार्वभौम धर्म होता है।
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