जाने माने मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा आज अपना जन्मदिन मना रहे है, बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म 9 दिसंबर 1945 को पटना के कदमकुआं स्थित घर में हुआ था। शत्रुघ्न सिन्हा के इस घर में तब के बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर, क्रिकेटर तथा पॉलिटिशियन भी पधार चुके हैं। शत्रुघ्न सिन्हा के तीनों बड़े भाई साइंटिस्ट, इंजीनियर तथा चिकित्सक थे। ऐसे में पिता चाहते थे कि उनका छोटा बेटा भी अपने तीनों बड़े भाइयों की प्रकार या तो डॉक्टर बने या साइंटिस्ट।
किन्तु शत्रुघ्न सिन्हा को ये दोनों फील्ड उनकी रुचि के करीब नहीं लगे। ऐसे में एक दिन शत्रुघ्न सिन्हा ने पिता को बिना बताए पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से फॉर्म मंगवाया। अब कठनाई यह थी कि उस पर गार्जियन कौन बनेगा? पिता साइन करने से रहे। ऐसे में बड़े भाई भाई सहारा बने। उन्होंने फॉर्म पर साइन किया। इस प्रकार शत्रुघ्न सिन्हा की जिंदगी का रुख बदल गया। उनके तीन बड़े भाइयों में राम अभी अमेरिका में हैं तथा पेशे से साइंटिस्ट हैं। लखन इंजीनियर हैं तथा मुंबई में हैं। तीसरे भरत पेशे से चिकित्सक हैं तथा लंदन में रहते हैं। बिहारी बाबू के पिता तथा माता श्यामा सिन्हा का देहांत हो चुका है। बिहारी बाबू को अपनी मां से कुछ अधिक ही लगाव था।
शत्रुघ्न सिन्हा की इच्छा बचपन से ही फ़िल्मों में काम करने की थी। अपने पिता की इच्छा को दरकिनार कर वे मूवी एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे में एंट्री ली। वहाँ से ट्रेनिंग लेने के पश्चात् वे फ़िल्मों में प्रयास करने लगे। किन्तु कटे होंठ की वजह से किस्मत साथ नहीं दे रही थी। ऐसे में वे प्लास्टिक सर्जरी कराने की सोचने लगे। तभी देवानंद ने उन्हें ऐसा करने से इंकार कर दिया था। उन्होंने साल 1969 में फ़िल्म ‘साजन’ के साथ अपने कैरियर का आरम्भ किया था। पचास-साठ के दशक में के.एन. सिंह, साठ-सत्तर के दशक में प्राण, अमजद ख़ान तथा अमरीश पुरी। तथा इन्हीं के समानांतर फ़िल्म एण्ड टीवी इंस्टीट्यूट से अभिनय में प्रशिक्षित बिहारी बाबू उर्फ शॉटगन उर्फ शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री हिन्दी फिल्म जगत में होती है। अपनी ठसकदार बुलंद, कड़क आवाज तथा चाल-ढाल की मदमस्त शैली की वजह से शत्रुघ्न शीघ्र ही ऑडियंस के चहेते बन गए। आए तो वे थे वे हीरो बनने, किन्तु इंडस्ट्री ने उन्हें खलनायक बना दिया।
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