वर्ल्ड फूड इंडिया-2017 में मेघालय के स्टॉल पर बतौर प्रतिनिधि शामिल हुई दिल्ली की सोशल वर्कर मिनाक्षी ने अपनी पहल से मेघालय की कई महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवाया. उन्होंने उच्च गुणवत्ता के आर्गेनिक फ़ूड प्रोडक्ट्स को भी पहचान दिलाई.
मिनाक्षी भारद्वाज दो साल पहले एक कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलटीज कार्यक्रम में शिरकत करने शिलांग गईं थी. वहां एक मिशनरी की सिस्टर जुडिथ ने उनकी मुलाकात कुछ महिलाओं से कराई जो शहद और हल्दी बनाने का काम करती थीं. इन महिलाओं के प्रोडक्ट उच्च गुणवत्ता के थे लेकिन उसके ग्राहक नहीं थे. तब मिनाक्षी ने दिल्ली ले जाकर इन प्रोडक्ट की टेस्टिंग लैब में कराई तो पाया कि वे हाई क्वालिटी प्रोडक्ट हैं.
मिनाक्षी ने बताया, ''टेस्ट के दौरान हल्दी में करीब 7 प्रतिशत करक्युमेन पाया गया, जबकि सामान्य ब्रांड की हल्दी में यह 2 से 3 प्रतिशत होता है. शहद तो तय मानकों से भी ज्यादा शुद्ध था. तब मैंने सिस्टर जुडिथ से कहकर इस काम से जुड़ी करीब 30 महिलाओं से दोनों उत्पाद मंगाने शुरू किए. मैंने उनकी बाकायदा पैकेजिंग और लेबलिंग की और उसे एक नाम भी दिया. दिल्ली में हमने करीब 15 जरूरतमंद लोगों को इस काम से जोड़ा. अब हम इसे अमेजन पर सेल करते हैं. इसे लेने वाले कई डॉक्टर्स भी हैं.''
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