कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें अंधविश्वास के अंधेरे में डूबे एक परिवार ने एक महिला के साथ बेहद परेशान करने वाला व्यवहार किया। महिला की खराब तबीयत के चलते परिवार ने यह मान लिया कि वह किसी भूत-प्रेत के साए में है। तत्पश्चात, उन्होंने ओझा की सलाह पर महिला के मुंह में जूता डालकर उसे 4 किलोमीटर तक पैदल चलाने का फैसला लिया।
महिला की तबीयत खराब चल रही थी, जिसकी वजह से उसके परिवार ने उसे ओझा के पास झाड़-फूंक के लिए ले जाने का फैसला किया। ओझा ने महिला को मुंह में जूता डालकर गोराबाजार से कॉलेज घाट तक पैदल चलाने के लिए कहा। परिवारवालों ने इस अंधविश्वास को मानते हुए महिला को इस स्थिति में 4 किलोमीटर तक चलाया। इस दृश्य ने स्थानीय लोगों को चकित कर दिया तथा आसपास के लोग यह देखने के लिए जुट गए कि महिला जूता-मुंह में लेकर क्यों चल रही है।
वही जब मीडिया ने इस दृश्य की तस्वीरें लेने का प्रयास किया, तो महिला के परिवारवालों ने उन पर हमला कर दिया और मारपीट की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया और मामले को सुलझाया। इस घटना ने महिला की हालत देखकर स्थानीय लोगों में परिवार के अंधविश्वास पर सवाल उठाए हैं। यह जानना कि जूता-मुंह में डालने से कोई बीमारी ठीक हो सकती है, एक चिंताजनक विचार है। ओझा की सलाह मानकर महिला के साथ ऐसा व्यवहार करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।