इंदौर : कोर्ट की लंबी प्रक्रिया से गुजरते हुए भोपाल का बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड का फैसला आज आ ही गया.इंदौर की विशेष सीबीआई अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया.कोर्ट ने अपनेे फैसले में मामले के चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है. बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की 16 अगस्त 2011 को उनके भोपाल स्थित घर के बाहर कथित साजिश के तहत गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने जाहिदा परवेज, सबा फारुखी, शाकिब और ताबिश को उम्रकैद की सजा सुनाई है और सरकारी गवाह इरफान को क्षमादान दिया गया है.इंटीरियर डिजायनर जाहिदा पर आरोप है कि उसने शहला हत्याकांड की साजिश सौतिया डाह के चलते रची, क्योंकि इस आरटीआई कार्यकर्ता की कथित नजदीकियां भोपाल के तत्कालीन भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह से लगातार बढ़ती जा रही थीं. शहला हत्याकांड के अन्य आरोपियों में जाहिदा की अंतरंग सहेली सबा फारुखी, भाड़े के हत्यारों का इंतजाम करने का आरोपी शाकिब अली उर्फ 'डेंजर' और भाड़े का कथित कातिल ताबिश शामिल हैं.मामले का एक अन्य आरोपी इरफान सरकारी गवाह बन चुका है और इसे बरी कर दिया गया.
यहां यह उल्लेख उचित है कि दिसंबर 2016 में एक सुनवाई के दौरान अदालत से जाहिरा ने निवेदन किया था कि वह अपने बचाव के गवाहों के रूप में ध्रुवनारायण सिंह की पत्नी वंदना सिंह और शहला की छोटी बहन आयशा मसूद सुल्तान के बयान दर्ज कराना चाहती है.अदालत ने यह गुहार मंजूर भी कर ली थी. लेकिन नाटकीय रूप से जाहिरा ने अपनी यह गुहार वापिस ले ली थी.