बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ आरम्भ हुए प्रदर्शन ने तेजी से एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया। इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कथित तौर पर पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश भी छोड़ दिया। शेख हसीना के पिता, शेख मुजीबुर्रहमान, बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति थे। उनकी जिंदगी पर आधारित एक फिल्म, 'मुजीब: द मेकिंग ऑफ अ नेशन', हाल ही में अक्टूबर 2023 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई।
इस फिल्म को भारतीय निर्देशक श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया है। फिल्म शेख मुजीबुर्रहमान के राजनीतिक सफर की शुरुआत और बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए उनकी मेहनत को दर्शाती है। इसे राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) और बांग्लादेश फिल्म विकास निगम (BFDC) ने मिलकर बनाया है और यह बंगाली और हिंदी दोनों भाषाओं में रिलीज की गई। अरिफिन शुवू ने फिल्म में शेख मुजीब का किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी मुजीब के पाकिस्तान की जेल से 9 महीने तक बंद रहने के बाद अपने देश लौटने से शुरू होती है। जब वह घर लौटते हैं, तो बताते हैं कि उन्हें फांसी की सजा दी जाने वाली थी। फिल्म का अंत उस सैन्य तख्तापलट से होता है, जिसमें शेख मुजीब और उनके पूरे परिवार की हत्या कर दी जाती है। शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना तब बख्शी जाती हैं क्योंकि वे अपने परिवार से दूर, जर्मनी में थीं।
फिल्म बांग्लादेश की स्वतंत्रता से जुड़े प्रमुख घटनाक्रमों को उजागर करती है और यह भी दिखाती है कि मुजीब का परिवार हर मुश्किल में उनके साथ था। आप इसे OTT प्लेटफॉर्म 'Hooq' पर देख सकते हैं। अरिफिन शुवू फिल्म में शेख मुजीब के रोल में प्रभावी नजर आए, और नुसरत इमरोज तिशा ने उनकी पत्नी का किरदार भी बखूबी निभाया। ये दोनों बांग्लादेश के प्रमुख कलाकार हैं। अरिफिन ने 'मिशन एक्सट्रीम', 'ढाका अटैक', और 'ब्लैक वॉर: मिशन एक्सट्रीम 2' जैसी फिल्मों में भी शानदार अभिनय किया है। श्याम बेनेगल ने इस फिल्म के जरिए 14 सालों के बाद निर्देशन की दुनिया में वापसी की है, उनकी पिछली फिल्म 'वेल डन अब्बा' 2009 में आई थी।
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