मध्य प्रदेश की राजधानी में कोरोना के मरीजों में तेजी से इजाफा हो रहा है. भोपाल के डेंजर से डेथ ज़ोन बन चुके जहांगीराबाद इलाके से अब लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. करीब दो हज़ार लोगों को यहां से निकालकर सुरक्षित इलाकों में भेजा जा रहा है ताकि वो संक्रमण की चपेट में आने से बच जाए. इसमें सरकारी कर्मचारियों के स्टाफ और उन लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. यहां पहला मरीज 4 अप्रैल को और मंगलवारा में 22 अप्रैल को मिला था. उसके बाद से दोनों इलाकों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
दरअसल, पुराने भोपाल का जहांगीराबाद इलाका शहर का डेंजर जोन था जो 9 लोगों की मौत के बाद डेथ ज़ोन बन गया. यहां संक्रमण इतनी तेज़ी से फैला कि एक के बाद एक लोग उसकी चपेट में आते चले गए. इसका कारण ये है कि पूरे इलाके में तंग गलिया हैं. हालात से घबराए प्रशासन ने तत्काल यहां युद्ध स्तर पर काम शुरू किया. रिकॉर्ड 10 हजार लोगों के सैंपल लेकर जांच की. पूरे इलाके को आठ तरफ से सील कर दिया गया. यहां से लोगों के आने या जाने पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है. जहांगीराबाद इलाके को एक महीने पहले सील कर दिया गया था. तब से सभी लोग घरों में क्वारंटीन हैं. यहां पुलिस की थ्री लेयर सुरक्षा लगाई गई है. इसके अलावा नगर निगम लगातार इलाके को सैनिटाइज कर रहा है. प्रशासन ने अब यहां से लोगों की शिफ्टिंग शुरू कर दी है. ऐसे लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है जिनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है. इनके अलावा पुलिस और अन्य विभागों के सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को भी वहां से हटाया जा रहा है. शुरुआती तौर पर करीब 2000 लोगों को भोपाल के ग्रीन ज़ोन में भेजा जा रहा है.
बता दें की इतने सख्त कदम उठाने के बाद भी इस इलाके में पर हर रोज 15 से 20 कोरोना के नए पॉजिटिव मरीज़ मिल रहे हैं. अब तक यहां 200 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं. इसमें 9 लोगों की मौत हो गई है. यहां जिला प्रशासन मुस्तेदी से तैनात है. शहर के दूसरे इलाकों की तुलना में जहांगीराबाद इलाके से हर रोज 300 लोगों का सैंपल लिया जा रहा है.
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