नई दिल्ली: टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन को अदालत से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने क्रिकेटर शिखर धवन से अलग रह उनकी पत्नी आयशा धवन से कहा है कि वो अपने 9 वर्षीय बच्चे को परिवार से मिलवाने के लिए भारत लेकर आए. यह देखते हुए कि अकेले मां का बच्चे पर अधिकार नहीं है, दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित पारिवारिक अदालत ने हाल ही में क्रिकेटर शिखर धवन की अलग रह रही पत्नी आयशा मुखर्जी को अपने नौ वर्षीय बेटे को भारत लाने का आदेश दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, जज हरीश कुमार ने आयशा की बच्चे को भारत लाने पर आपत्ति जाहिर करनेके लिए उसकी खिंचाई भी की, क्योंकि उन्हें बताया गया कि शिखर धवन का परिवार अगस्त 2020 से बच्चे से नहीं मिला है. बता दें कि, धवन दंपति के तलाक के बाद से बच्चे की कस्टडी को लेकर पति-पत्नी में विवाद चल रहा है. इसी साल, भारत और ऑस्ट्रेलिया (जहां बच्चा आयशा के साथ रहता है) दोनों में कानूनी मामले शुरू किए हैं.
शुरू में परिवार का 17 जून को मिलना मुक़र्रर किया गया था. हालांकि, इस पर आयशा ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा था कि बच्चा स्कूल नहीं जा पाएगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए बाद बच्चे का स्कूल बंद रहने को लेकर कार्यक्रम को 1 जुलाई के लिए तय किया गया था. हालांकि आयशा ने फिर से नियोजित समारोह पर एतराज जताया, यह दलील देते हुए कि यह एक फ्लॉप शो होगा क्योंकि तारीख निर्धारित करने से पहले परिवार के ज्यादातर सदस्यों से सलाह नहीं ली गई थी.
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