शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में ठंड से बचने के लिए कमरे में जलाई गई अंगेठी जान पर भारी हो हुई। अंगीठी के धुएं के घुटन से दो श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि उसके 7 अन्य साथी बेहोश हो गए। बेहोश हुए मजदूरों को उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में एडमिट करा दिया गया है। मामला शिमला जिला के रामपुर उपमण्डल के अंतर्गत आने वाले कुमारसेन थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने बताया कि मकान निर्माण कर रहे श्रमिक, रात में अंगीठी जलाकर सो गए थे, धुएं से दम घुटने की वजह से ये हादसा हुआ है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सभी मजदूर कुमारसेन के कोटगढ़ की जरोल पंचायत के अंतर्गत आने वाले जब्बलपुर गांव में कुलदीप मेहता के मकान का निर्माण कार्य कर रहे थे। मजदूरों ने ठंड से बचाने के लिए कमरे के अंदर अंगीठी जलाई और दरबाजा बंद कर सो गए। सुबह जब अन्य श्रमिकों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, तो बड़ी मुश्किल से विनोद व यशपाल ने कमरे का दरवाजा खोला। कमरे में दो मजदूर अचेत पड़े थे, जबकि अन्य बेहोशी की स्थिति में थे। इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटगढ़ में एडमिट करवा दिया गया है।
DSP रामपुर चंद्रशेखर ने रविवार को जानकारी दी है कि मृतक मजदूरों की शिनाख्त रमेश (22) और सुनील (21) के रूप में हुई है। ये दोनों सिरमौर जिला के रेणुका उपमंडल के चाडना गांव के रहने वाले थे। बेहोश हुए मजदूरों के नाम अनिल, कुलदीप, राजेन्द्र चौहान, राहुल , विनोद, यशपाल और कुलदीप हैं और ये भी रेणुका के निवासी हैं। इनकी आयु 19 से 36 वर्ष है। इन्हें इलाज के लिए कोटगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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