मुंबई: महाराष्ट्र के 2002 के सियासी संकट पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के अगले ही दिन शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने 11 माह पुरानी एकनाथ शिंदे नीत राज्य सरकार को शुक्रवार को असंवैधानिक बताया तथा दावा किया कि यह 3 माह में गिर जाएगी। संजय राउत ने कहा कि बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले ने महत्वपूर्ण बात कही तथा सियासी संकट के चलते तत्कालीन राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी एवं विधानसभा अध्यक्ष के आचरण में खामी पाई।
संजय राउत ने कहा, ''यह सरकार पूरी तरह गैरकानूनी एवं असंवैधानिक है। सर्वोच्च न्यायालय ने 3 बातें कही हैं। सचेतक भारत गोगावाले (शिंदे धड़े द्वारा नियुक्त और अध्यक्ष द्वारा मान्यता प्राप्त) गैरकानूनी हैं। गैरकानूनी सचेतक द्वारा दिए गए आदेश गैरकानूनी हैं। अदालत ने साफ़ किया है कि हमारे सचेतक सुनील प्रभु कानूनी (संवैधानिक) सचेतक हैं।'' संजय राउत ने कहा, ''सदन में बहुमत साबित करने समेत तत्कालीन राज्यपाल द्वारा लिए गए सभी फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने गलत माना है। (शिवसेना से बगावत के बाद) एकनाथ शिंदे को समूह का नेता घोषित करने को भी अदालत ने गैरकानूनी बताया है। अदालत ने कहा है कि (शिवसेना का) कोई धड़ा स्वयं के पुरानी पार्टी होने का दावा नहीं कर सकता है।'' सांसद व उद्धव ठाकरे के नजदीकी सहयोगी राउत महाराष्ट्र के नासिक में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
एकनाथ शिंदे का इस्तीफा मांगे जाने को लेकर सत्तारूढ़ शिवसेना ने उद्धव ठाकरे गुट पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि उनमें (उद्धव गुट के विधायकों में) जरा भी नैतिकता बाकी है तो वो इस्तीफा देकर चुनाव का सामना करें। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सीएम के बेटे सहित पार्टी के कई नेताओं को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर शिवसेना (यूबीटी) पर पलटवार के लिए मैदान में उतारा। प्रेसवार्ता में शिवसेना ने पूछा कि चुनाव पूर्व हुए गठबंधन को तोड़ना, जिसके तहत ठाकरे ने बीजेपी के साथ मिलकर वोट मांगा तथा फिर 2019 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लेना, क्या यह प्रदेश के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं था। कल्याण से सांसद एवं सीएम शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने आरोप लगाया कि ठाकरे लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे थे जिससे उनके गुट से अलग हुए लोग सत्तारूढ़ शिवसेना में सम्मिलित न हो जाएं।
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