देश सहित विदेशों में भी प्रसिद्ध संत श्री साईंबाबा का नाम आज के दौर में अमर है, साईंबाबा का जन्म 27 सितंबर 1830 के आसपास हुआ था अपने पूरे जीवन को फकीर की तरह जीने वाले साईंबाबा की मृत्यु 15 अक्टूबर 1918 में हुई थी। साईंबाबा ने अपना संपूर्ण जीवन दूसरों की भलाई और उनकी मदद करने में ही बिताया है लोग उन्हें शिरडी के साईंबाबा के नाम से भी जानते हैं। इसके अलावा उन्हें एक भारतीय गुरु, योगी और फकीर भी कहा जाता है लेकिन उनके भक्त उन्हें संत कहकर पुकारते हैं।
नंदी महाराज के पास जाकर करें यह काम, हर मनोकामना होगी पूरी
यदि हम साईंबाबा के बारे में जानने का प्रयास करें तो साईं शब्द उन्हें भारत के पश्चिमी भाग में स्थित प्रांत महाराष्ट्र के शिरडी नामक कस्बे में पहुंचने के बाद मिला था जहां उन्होंने लोगों को प्रेम, क्षमा, दूसरों की सहायता, दान, संयम, आत्मिक शांति, भगवान और गुरु के लिए समर्पण की नैतिक शिक्षा दी वहीं उनका आदर्श वाक्य सबका मालिक एक आज सभी की जुबान पर है।
साईं बाबा का असली नाम अभी भी अज्ञात बना हुआ है साईंबाबा की समाधि शिरडी में बनी है और आज वहां बहुत बड़ा और विशाल मंदिर निर्माण भी हो गया है देशभर में शिरडी साईं मंदिर में रोजाना लाखों करोड़ों लोगों का आना जाना होता है और भक्त साईंबाबा के सिद्ध क्षेत्र शिरडी में उनकी समाधि के दर्शन करने आते हैं। साईं बाबा के शिष्यों और भक्तों का दावा है कि उन्होंने कई चमत्कार किए जैसे कि इच्छा से समाधि की स्थिति में प्रवेश करना, पानी के साथ दीपक को प्रकाश देना, अपने अंगों या आंतों को हटा देना और उन्हें अपने शरीर में वापस चिपकाना, बीमारियों को ठीक करने, एक मस्जिद को लोगों पर गिरने से रोकना, और अपने भक्तों को अन्य चमत्कारी तरीकों से मदद करना। उन्होंने भक्तों के विश्वास के आधार पर श्री राम, कृष्ण, विठोबा, शिव और कई अन्य देवताओं के रूप में भी लोगों को दर्शन दिये हैं आज भी शिरडी मेें साईंबाबा का अंश मौजूद है जो लोगों की किसी न किसी तरह से मदद करता ही है।
VIDEO : माता रानी के दर्शन करने पहुंची सैफ की बेटी