अमृतसर: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के लोकसभा सांसद सिमरनजीत सिंह मान द्वारा शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ कहने के बाद उनका भयंकर विरोध किया जा रहा है। पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत ने सिमरनजीत सिंह से अपने बयान पर बिना शर्त के माफ़ी माँगने के लिए कहा है। भगत सिंह के त्याग को सर्वोच्च बलिदान बताते हुए भगवंत मान सरकार द्वारा उन्हें शहीद का दर्जा देने की भी घोषणा की है।
Every Sikh, every Punjabi & every Indian is proud of Shaheed-e-Azam S. Bhagat Singh. Every Sikh treats him as a symbol of our quom’s unprecedented contribution to the freedom struggle. @SimranjitSADA is trying to undermine this pride & lower the image of Sikhs all over the world. pic.twitter.com/G6MaUhLaex
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) July 15, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह ने कहा कि, 'शिअद सांसद ने उन भगत सिंह के बलिदान का तिरस्कार किया है, जिन्होंने देश के लिए खुद को बलिदान कर दिया। भगत सिंह मेरे भी आदर्श हैं। भगत सिंह के साथ राजगुरु और सुखदेव का भी बलिदान पूरे देश के युवाओं को गर्व की अनुभूति करवाता है।' इसी बयान में मंत्री गुरमीत ने आगे कहा कि, 'मैं स्पष्ट करता हूँ कि हमारी सरकार सरदार भगत सिंह को शहीद का दर्ज प्रदान करेगी। यदि आवश्यकता पड़ी तो हम शिअद सांसद के इस बेहद अपमानजनक और आपत्तिजनक बयान पर कानूनी कार्रवाई भी करवाएँगे।'
बता दें कि शिअद सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने 14 जुलाई (गुरुवार) को यह टिप्पणी की थी। उनके बयान का खुद उनकी ही पार्टी ने भी विरोध किया है। शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी के इस सांसद के बयान की निंदा की है। दरअसल, सांसद सिमरनजीत सिंह हरियाणा के करनाल में एक प्रेस वार्ता कर रहे थे। इस दौरान एक पत्रकार ने उनसे पुछा कि देश के लिए बलिदान हुए भगत सिंह को इतिहास में आतंकी क्यों कहा जाता है? इसका जवाब देते हुए सिमरनजीत ने कहा कि, 'भगत सिंह ने न केवल जवान अंग्रेज अफसर का क़त्ल किया था, बल्कि उसी के साथ उन्होंने एक अमृतधारी सिख सिपाही चन्नन सिंह की भी हत्या की थी। बाद में उन्होंने संसद में बम फेंका। आप ही बताओ वो आतंकी हुए या नहीं?'
बता दें कि सिमरनजीत सिंह मान की प्रोफाइल देखने से पता चलता है कि वो हमेशा से खालिस्तानी समर्थक रहे हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के चलते उन्होंने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं उनकी पार्टी शिअद पर ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी नारे लगाने के आरोप भी लगते रहे हैं। उनके कई सोशल मीडिया पोस्ट में खुलकर खालिस्तान की माँग भी की गई है।
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