मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की नई फिल्म 'इमरजेंसी' के ट्रेलर के रिलीज के पश्चात् से विवादों का सिलसिला जारी है। फिल्म पर आरोप लगाया गया है कि यह सिख समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, जिससे उनकी छवि को 'अपमानजनक' रूप में दर्शाया गया है। फिल्म के ट्रेलर के पश्चात् पंजाब में विरोध प्रदर्शन हुए और फिल्म पर बैन की मांग उठाई गई। अब, शिरोमणि अकाली दल (SAD) की दिल्ली इकाई ने भी इस फिल्म के खिलाफ मोर्चा खोला है। SAD की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष ने फिल्म के सेंसर बोर्ड एवं कंगना के प्रोडक्शन हाउस को नोटिस भेजा है।
नोटिस में आरोप लगाया गया है कि कंगना रनौत 'सिख विरोधी रेटोरिक के लिए कुख्यात' हैं तथा उन्होंने 'सिख समुदाय को निशाना बनाने के लिए इमरजेंसी का विषय चुना है।' इसमें कहा गया कि फिल्म का ट्रेलर ऐतिहासिक तथ्यों को गलत ढंग से पेश करता है, जो सिख समुदाय को गलत तरीके से दर्शाता है एवं नफरत और सामाजिक दुर्भावना को बढ़ावा देता है। सेंसर बोर्ड एवं उसके चेयरमैन से अपील की गई है कि वे फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रद्द करें तथा इसके रिलीज को ब्लॉक करें। नोटिस में यह भी बताया गया है कि यह फिल्म सामुदायिक विवाद उत्पन्न कर सकती है और गलत जानकारी को बढ़ावा दे सकती है।
इसके अतिरिक्त, बठिंडा, पंजाब में कंगना रनौत के फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने कंगना का पुतला भी जलाया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) ने भी फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेजा है एवं सरकार से बैन लगाने की मांग की है। तेलंगाना में, पूर्व IPS ऑफिसर तेजदीप कौर के नेतृत्व में तेलंगाना सिख सोसाइटी के प्रतिनिधि मंडल ने सरकारी सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर से मुलाकात की तथा 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग पर बैन की मांग की। शब्बीर ने बताया कि सीएम ए. रेवंत रेड्डी ने सिख समुदाय के नेताओं को आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार कानूनी सलाह ले रही है तथा फिल्म 'इमरजेंसी' को बैन करने पर विचार कर रही है।
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