सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने में देवों के देव महादेव भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं सावन का महीना शिवजी को अति प्रिय है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन के महीने में इस बार मलमास पड़ रहा है। मलमास का योग बनने के कारण इस बार सावन 2 महीने का होगा। वहीं सावन के पूरे महीने प्रतिदिन शिवजी की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सावन में महादेव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। साथ ही उन्हें जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। वही सावन में शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से महादेव हर मनोकामना पूरी करते है।
शिव रक्षा स्तोत्र:-
अस्य श्री शिवरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य याज्ञवल्क्य ऋषिः,
श्री सदाशिवो देवता, अनुष्टुप् छन्दः,
श्री सदाशिवप्रीत्यर्थं शिवरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः।।
चरितं देवदेवस्य महादेवस्य पावनम्।
अपारं परमोदारं चतुर्वर्गस्य साधनम्।।1।।
गौरीविनायकोपेतं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रकम्।
शिवं ध्यात्वा दशभुजं शिवरक्षां पठेन्नरः।।2।।
गङ्गाधरः शिरः पातु फालं अर्धेन्दुशेखर:।
नयने मदनध्वंसी कर्णो सर्पविभूषणः।।3।।
घ्राणं पातु पुरारातिः मुखं पातु जगत्पतिः।।
जिह्वां वागीश्वरः पातु कन्धरां शितिकन्धरः।।4।।
श्रीकण्ठः पातु मे कण्ठं स्कन्धौ विश्वधुरन्धरः।
भुजौ भूभारसंहर्ता करौ पातु पिनाकधृक्।।5।।
हृदयं शङ्करः पातु जठरं गिरिजापतिः।
नाभिं मृत्युञ्जयः पातु कटी व्याघ्राजिनाम्बरः।।6।।
सक्थिनी पातु दीनार्तशरणागतवत्सलः।
ऊरू महेश्वरः पातु जानुनी जगदीश्वरः।।7।।
जङ्घे पातु जगत्कर्ता गुल्फौ पातु गणाधिपः।
चरणौ करुणासिन्धुः सर्वाङ्गानि सदाशिवः।।8।।
एतां शिवबलोपेतां रक्षां यः सुकृती पठेत्।
स भुक्त्वा सकलान्कामान् शिवसायुज्यमाप्नुयात्।।9।।
ग्रहभूतपिशाचाद्याः त्रैलोक्ये विचरन्ति ये।
दूरादाशु पलायन्ते शिवनामाभिरक्षणात्।।10।।
अभयङ्करनामेदं कवचं पार्वतीपतेः।
भक्त्या बिभर्ति यः कण्ठे तस्य वश्यं जगत्त्रयम्।।11।।
इमां नारायणः स्वप्ने शिवरक्षां यथाऽदिशत्।
प्रातरुत्थाय योगीन्द्रो याज्ञवल्क्यः तथाऽलिखत्।।12।।
इति श्रीयाज्ञवल्क्यप्रोक्तं शिव रक्षा स्तोत्र पूर्णं.
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