मुंबई: बुधवार को महाराष्ट्र में विजयादशमी के जश्न के बीच भी खूब सियासी बयानबाजी हुई। इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। सीएम एकनाथ शिंदे गुट ने BKC मैदान में दशहरा रैली का आयोजन किया। यहां मंच से बोलते हुए एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि हमने गद्दारी नहीं गदर किया है।
दरअसल, बालासाहेब ठाकरे के वक़्त से ही शिवसेना दादर मौजूद शिवाजी पार्क में प्रत्येक वर्ष दशहरा रैली का आयोजन करती आई है। वहीं बीते 2 सालों से कोरोना काल के चलते यह रैली रद्द कर दी गई थी। हालांकि इस बार हालात ठीक हुए तो शिवसेना दो फाड़ हो गई। तत्पश्चात, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट रैली के आयोजन को लेकर आमने-सामने आ गए थे। मामला उच्च न्यायालय पहुंचा तो उद्धव ठाकरे गुट को शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत मिल गई। दूसरी तरफ BMC ने शिंदे गुट को बीकेसी पार्क में रैली के आयोजन की इजाजत दी थी। तत्पश्चात, दोनों गुटों ने अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए रैली का आयोजन किया।
बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) मैदान में मंच से बोलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवाजी, बालासाहेब ठाकरे के नारे लगवाए। इस के चलते उनकी रैली में बालासाहेब ठाकरे के दूसरे बेटे जयदेव ठाकरे भी सम्मिलित हुए। रैली को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं। सीएम होने के बाद भी मैं साधारण कार्यकर्ता हूं। बालासाहेब के विचारों को आपने समर्थन दिया। बालासाहेब के विचार हमारे साथ हैं। उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उद्धव कांग्रेस-एनसीपी की धुन पर नाचते रहे। प्रदेश में मतदाताओं ने 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना एवं बीजेपी को चुना, किन्तु ठाकरे ने कांग्रेस और NCP से हाथ मिलाकर महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार बनाई और लोगों को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि उनकी दशहरा रैली में भारी भीड़ यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि बाल ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी कौन हैं। शिंदे ने उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए बोला कि शिवसेना कोई 'प्राइवेट लिमिटेड कंपनी' नहीं है तथा संगठन को शिवसेना के आम कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत से बनाया गया है। उन्होंने गद्दारी नहीं गदर किया है।
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