मुंबई: बीते शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया। जी दरअसल सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं और सरकार के इस फैसले से कई विपक्षी नेता जश्न मना रहे हैं। बीते शुक्रवार के दिन प्रधानमंत्री ने देश को 18 मिनट के संबोधन में इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों के हितों को ध्यान में रखकर लाए गए थे, लेकिन कुछ किसानों को इसके फायदे समझाने में सरकार असफल हुई। ये कृषि कानून वापस तो ले लिए गए। आप सभी को हम यह भी बता दें कि इन कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसानों के आंदोलन में कई किसानों की मौत हो गई।
ऐसे में अब उन किसानों के परिवार की मदद की मांग की जा रही है। आज (21 नवंबर, रविवार) पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने भी इस मांग का समर्थन किया है। हाल ही में उन्होंने कहा, 'किसानों की मदद की जाए। देशभर से यह मांग की जा रही है। पिछले डेढ़ साल में 700 के करीब किसानों की मौत हुई है। इनमें से कुछ सिंधु बॉर्डर में, कुछ गाजीपुर बॉर्डर में तो कुछ पुलिस की गोलियों से मर गए। ये सभी तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहे थे। प्रधानमंत्री ने ये कानून वापस लिए। सरकार को अपनी गलती समझ आई। लेकिन इस गलती की सजा किसानों को भुगतनी पड़ी। किसानों के परिवार मुश्किल में आ गए हैं। इसलिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री उनकी मदद करें।'
इसी के साथ संजय राउत ने यह भी कहा कि, “पीएम केयर फंड में ढेर सारा पैसा पड़ा हुआ है। उस फंड से किसानों को मदद की जा सकती है। किसानों और देश से माफी भर मांग लेने से काम चलने वाला नहीं है। उन 700 परिवारों को आधार देना जरूरी है। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री सहृदय हैं। वे मदद करेंगे।”
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