मुंबई: रविवार को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने बिना नाम लिए बोला कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) अब समाप्त हो गई है। कोई शिवसेना नहीं बची है। जो 5-6 विधायक बाकी हैं, वे भी साथ छोड़ देंगे। किसी भी वक़्त भाजपा के साथ आ सकते हैं। बता दें कि नारायण राणे भी एक वक़्त शिवसेना के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। बाद में वो शिवसेना छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। राणे भाजपा के टिकट पर लोकसभा सांसद बने तथा अब केंद्रीय मंत्री हैं। उनके बेटे नीतीश राणे भी विधायक हैं। महाराष्ट्र में राणे परिवार और उद्धव के बीच राजनीति अदावत देखने को मिलती रही है।
नारायण राणे ने बताया था कि शिवसेना अब अस्तित्व में नहीं है। शिवसेना लगभग समाप्त हो गई है। 2019 के चुनाव में शिवसेना के 56 विधायक जीते थे, उनमें से केवल 5-6 बाकी रह गए हैं। वे भी साथ छोड़ेंगे। किसी भी वक़्त मेरे संपर्क में आ सकते हैं। इसी वर्ष जून में एकनाथ शिंदे ने 40 से अधिक विधायकों के साथ शिवसेना से बगावत कर दी थी। शिंदे का आरोप था कि पार्टी अपनी विचारधारा से हटकर काम कर रही है तथा बागी विधायकों को तवज्जो नहीं दी जा रही है। बाद में उन्होंने भाजपा के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
महाराष्ट्र की नई सरकार में एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया था। जबकि भाजपा की ओर से देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे। अब आगे BMC चुनाव हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे एवं एकनाथ शिंदे एक बार फिर आमने-सामने हैं। हाल ही मे दोनों नेताओं ने शिवसेना पर दावा किया था। तत्पश्चात, चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नई पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किए थे। उद्धव गुट को पार्टी का नाम 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' दिया है तथा चुनाव चिह्न 'ज्वलंत मशाल' (मशाल) मिला है। इसी प्रकार महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के गुट को पार्टी का नाम 'बालासाहेब की शिवसेना' का दिया है तथा 'दो तलवारें और एक ढाल' चुनाव चिह्न मिला है।
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