मुंबई: मुंबई बम धमाकों (1993) के अपराधी याकूब मेमन की कब्र को सजाने को लेकर महाराष्ट्र में कल राजनीति होती रही। भाजपा का आरोप है कि आतंकी याकूब की कब्र को मजार बनाने का प्रयास हो रहा था। आरोप है कि महाविकास अघाड़ी की सरकार के चलते याकूब मेमन की कब्र को मजार बनाने का प्रयास किया गया। इसपर अब राजनीति हो रही है। भाजपा उद्धव ठाकरे और शरद पवार को घेर रही है। वहीं शिवसेना की ओर से पलटवार किया जा रहा है। शिवसेना का कहना है कि जब आतंकवाादी का शव परिवार को सौंपना ही नहीं था तो भाजपा सरकार ने याकूब का शव उनके परिवार वालों को दिया क्यों था। दूसरी ओर एक NC (नेशनल कॉन्फ्रेंस) नेता ने कहा कि इस सब में कुछ भी गलत नहीं है।
वही इस मामले को सबसे पहले भाजपा नेता राम कदम ने उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि याकूब मेमन की कब्र को मजार में परिवर्तित किया जा रहा है। उन्होंने इसकी कुछ फोटोज भी पोस्ट की थी। इसके बाद इसपर हंगामा आरम्भ हो गया, एक के बाद एक नेताओं के बयान इसपर आने लगे। भाजपा नेता किरीट सौमया आज मरीन लाइन्स के उस कब्रिस्तान के बाहर भी गए जहां यह कब्र है। उन्होंने कहा कि बम धमाके के अपराधी की कब्र पर यहां शहीद स्मारक नहीं बनने देंगे। शिवसेना के साथ-साथ याकूब के मामले में भाजपा ने कांग्रेस को भी घेरा। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने लिखा कि याकूब की कब्र की सजावट तक ही बात सीमित नहीं है। महाविकास अघाड़ी सरकार को याकूब से और प्रेम था। इसलिए कांग्रेस नेता असलम शेख जिन्होंने याकूब के लिए माफी की मांग की थी, उनको बाद में मंत्री बनाया गया।
वही आदित्य ठाकरे ने प्रश्न किया कि याकूब मेमन के शव को ओसामा बिन लादेन की भांति समुद्र में क्यों नहीं फेंका गया था। तब किसकी सरकार थी? उन्होंने कहा कि शिवसेना पर लग रहे आरोप झूठे हैं। जब याकूब को दफनाया गया तो वहां काफी सारी सुरक्षा लगाई गई थी। ऐसा आदर सम्मान क्यों किया गया। क्या इसपर कोई एक्शन होगा? वही नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमल ने इसपर कहा कि यह प्यार के इजहार का तरीका है। इससे किसी का धर्म कमजोर नहीं होता तथा इसमें (सजावट) कुछ गलत नहीं है। उसकी (मेमन) मौत हुई। जिनको इसका दुख हुआ वे स्वयं को इस कब्र को दे देंगे।
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