बीजेपी शिवसेना की सबसे बड़ी 'राजनीतिक शत्रु' है. यह कहना है शिवसेना के सांसद संजय राउत का, जिन्होंने पालघर में लोकसभा उपचुनाव के बाद ये प्रतिक्रिया दी है. संजय राउत ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दोनों को 'नहीं चाहता' है, लेकिन कांग्रेस या जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा को 'स्वीकार' कर सकता है. शिवसेना सांसद ने पार्टी के मुखपत्र सामना में छपे 'रोख ठोक' स्तंभ में कहा, 'शिवसेना बीजेपी की सबसे बड़ी राजनीतिक शत्रु है. शिवसेना का प्रखर हिन्दुत्ववाद बीजेपी के लिए अड़चन पैदा कर सकता है.'
सामना के संपादक राउत ने कहा कि बीजेपी ने पालघर में चिंतामण वनगा के बेटे (शिवसेना के उम्मीदवार) को हराकर उन्हें श्रद्धांजिल दी. इस सीट पर चिंतामण वनगा के निधन के चलते उपचुनाव जरूरी हो गया था. राउत ने आरोप लगाया कि क्योंकि शिवसेना बीजेपी की मुख्य राजनीतिक विरोधी है, इसलिए बीजेपी की योजना उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ सत्ता में रहते हुए उसे कमजोर करने की है. उन्होंने कहा, 'इस तरह बीजेपी की योजना शिवसेना के साथ सत्ता में रहने और धन-बल का इस्तेमाल कर उसे कमजोर करने की है. बीजेपी ने पालघर उपचुनाव में शिवसेना की हार सुनिश्चित करने के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल किया.'
राउत ने दावा किया कि पालघर में ईवीएम में 'गड़बड़ी' की वजह से बीजेपी की जीत हुई. उन्होंने कहा कि बीजेपी पालघर लोकसभा उपचुनाव जीतने में सफल रही, लेकिन कई अन्य लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव हार गई. इससे दिखता है कि देश में कई जगह बदली हुई हवा चल रही है. शिवसेना नेता ने कहा, 'उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के पतन की शुरुआत हैं.' उन्होंने कहा, 'देश की ऐसी मन: स्थिति है कि वह कांग्रेस या देवगौड़ा को स्वीकार कर सकता है, लेकिन मोदी और शाह को नहीं.' गौरतलब है कि शिवसेना के आलावा इन दिनों बीजेपी के कई घटक दल उसके खिलाफ बगावत के स्वर छेड़ चुके है.
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